Mukesh Ambani to buy RCom
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व्यापार

अब मुकेश अंबानी करेंगे अपने भाई की मदद

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • मुकेश अंबानी करेंगे अपने भाई की मदद

  • SBI बोर्ड द्वारा मिली RCom के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी

  • मुकेश अंबानी खरीदने अनिल अंबानी की RCom को

  • RCom पर कुल बकाया कर्ज लगभग 82000 करोड़ रूपये

राज एक्सप्रेस। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि, 'भाई ही भाई के काम आता है', अब इस कहावत हो सच कर दिखाएंगे, भारत के सबसे आमिर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमेन मुकेश अंबानी। दरअसल, मुकेश अंबानी ने अपने भाई अनिल अंबानी की मदद करने की ठान ली है। जानिए, किस तरह करेंगे मुकेश अंबानी अपने भाई की मदद।

इस तरह करेंगे मदद :

अब मुकेश अंबानी ने अपने भाई अनिल अंबानी की दिवाला प्रोसेस से गुजर चुकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स (RCom) को खरीदने का मन बना लिया है। खबरों के अनुसार, इसके लिए उन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) द्वारा आरकॉम के रिजॉल्यूशन प्लान की मंजूरी भी मिल गई है। इस मंजूरी के चलते 23000 करोड़ रुपये बैंकों के पास वापस आने की उम्मीद है। इसके अलावा मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस Jio ने RCom के टॉवर और फाइबर वाले बिजनेस रिलायंस इंफ्राटेल को खरीदने के लिए एक ऑफर दिया है, इस ऑफर के तहत Jio द्वारा 4700 करोड़ रुपये का ऑफर रखा गया है।

UVARC ने लगाई बोली :

यूवी असेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी (UVARC) द्वारा RCom और रिलायंस टेलकॉम के असेट के लिए बोली लगाई गई है, यह बोली 14700 करोड़ रुपये की है। आपको बताते चलें कि, RCom को जितनी रकम इंडियन और चाइनीज क्रेडिटर्स को प्राथमिकता के आधार पर चुकानी थी उसमें से 4300 करोड़ की राशि बकाया है। वहीं जानकारों का कहना है कि, SBI बोर्ड द्वारा रिजॉल्यूशन प्लान को लेकर RCom को मंजूरी मिली है, आज उस कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स की बैठक का आखिरी दिन है। RCom पर 33000 करोड़ रूपये का सिक्यॉर्ड कर्ज है जबकि, लेंडर्स द्वारा 49000 करोड़ रूपये की रकम का दावा किया गया है।

RCom के असेट :

हाल ही में RCom ने अपना कर्ज चुकाने के लिए अपने असेट बेचे थे। जिसके लिए अनिल अंबानी ने अपने भाई की कंपनी रिलायंस Jio से भी संपर्क किया था, जिसके मालिक मुकेश अंबानी हैं। हालांकि, यह डील किसी कारणवश हो नहीं हो पाई थी, क्योंकि, Jio ने यह असेट खरीदने से मना कर दिया था। Jio द्वारा दिए गए स्टेटमेंट के अनुसार, कंपनी इतने भारी कर्ज का बोझ नहीं उठाना चाहती थी। वह नहीं चाहती है कि उसे आरकॉम के भारी भरकम कर्ज का बोझ भी उठाना पड़े। बाद में स्वीडिश टेलिकॉम कंपनी एरिक्शन (Ericsson) ने इन्सॉल्वेंसी के लिए अपील की और ये प्रक्रिया फिर से शुरु की गयी।

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