Bhavish Aggarwal
Bhavish Aggarwal  co-founder and CEO of Ola
व्यापार

ओला कैब्स ने एस1 इलेक्ट्रिक स्कूटरों के साथ बेंगलुरु में फिर से शुरू की बाइक-टैक्सी सेवा

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • कंपनी ग्राहकों से 5 किलोमीटर के लिए 25 रुपये और 10 किलोमीटर के लिए 50 रुपये का शुल्क वसूल करेगी

  • ओला पहले बाइक टैक्सियों का संचालन कर चुकी है, वह पहली बार कैब एग्रीगेटर इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों का संचालन करेगी

  • कर्नाटक इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी नीति लागू करने वाला देश का पहला है, पर यहां कोई बाइक-टैक्सी संचालन शुरू नहीं कर पाया

राज एक्सप्रेस। बहुराष्ट्रीय राइडशेयरिंग कंपनी ओला कैब्स ने बेंगलुरु में अपनी बाइक टैक्सी सेवा फिर से शुरू कर दी है। ओला ने इस सेवा में एस1 इलेक्ट्रिक स्कूटरों को बाजार में उतारा है। ओला के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने एक्स पोस्ट में कहा, आज बीएलआर (बेंगलुरु) में ओला बाइक फिर से शुरू हो रही है। इस बार, सभी इलेक्ट्रिक और हमारे अपने एस1 स्कूटर! अग्रवाल ने कहा कि ग्राहकों से 5 किलोमीटर के लिए 25 रुपये और 10 किलोमीटर के लिए 50 रुपये का शुल्क लिया जाएगा, अगले कुछ महीनों में इस सेवा को पूरे देश में बढ़ाया जाएगा।

बेंगलुरु में पहले बाइक टैक्सियों का संचालन कर चुकी है ओला

उल्लेखनीय है कि ओला पहले बेंगलुरु में बाइक टैक्सियों का संचालन कर चुकी है, लेकिन यह पहली बार है जब कैब एग्रीगेटर इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों का संचालन शुरू करने जा रही है। जुलाई 2021 में कर्नाटक इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, लेकिन आज तक, कोई भी ऑपरेटर राज्य में बाइक-टैक्सी संचालन शुरू नहीं कर पाया है। दिसंबर 2022 में, कर्नाटक परिवहन विभाग ने दोपहिया कंपनी बाउंस को अपना पहला ई-बाइक टैक्सी लाइसेंस जारी किया था, लेकिन कंपनी अब तक अपनी सेवाएं शुरू नहीं कर सकी है। अब कंपनी ने अपना ध्यान इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने पर केंद्रित कर दिया है।

गैर-इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों का संचालन करते हैं रैपिडो-उबर

वर्तमान में, रैपिडो और उबर बेंगलुरु में गैर-इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों का संचालन कर रहे हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में, कर्नाटक के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि राज्य रैपिडो बाइक टैक्सियों पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने की दिशा में काम कर रहा है। 36 बस, टैक्सी और माल वाहन यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले फेडरेशन ऑफ कर्नाटक स्टेट प्राइवेट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने अपनी आजीविका खत्म होने का तर्क देतॆ हुए कर्नाटक में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इस पर कर्नाटक सरकार ने कहा कि उसे उनकी बाइक टैक्सी प्रतिबंध की मांग पर कानूनी राय लेनी चाहिए। बाइक टैक्सी की अवधारणा को देश के कई राज्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ा है।

दिल्ली ने इसी साल लगाया बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध

इस साल फरवरी में, दिल्ली परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर ओला, उबर और रैपिडो जैसे लोकप्रिय एग्रीगेटर्स द्वारा प्रदान की जाने वाली बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसमें यह भी कहा गया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले एग्रीगेटर्स पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जून में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें बाइक एग्रीगेटर्स को नियमों के अधिसूचित होने तक अपना परिचालन जारी रखने की अनुमति दी गई थी। दिल्ली सरकार ने जुलाई में शीर्ष अदालत को बताया कि वह 31 जुलाई तक नई नीति तैयार कर लेगी। पिछले माह सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली सरकार को दिए गए समय को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया था, जो बाइक टैक्सियों के संचालन को विनियमित करेगा।

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