आज के दिन जन्में नंदन नीलेकणि का Infosys से क्या है रिश्ता
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आज के दिन जन्में नंदन नीलेकणि का Infosys से क्या है रिश्ता

Author : Kavita Singh Rathore

प्रसिद्ध भारतीय आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) का नाम आज बड़ी से बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार है। 'Infosys' के संस्थापकों की लिस्ट में एक नाम नंदन नीलेकणी (Nandan Nilekani) का भी है। ये Infosys के सह अध्यक्ष और एक भारतीय उद्यमी के रूप में भी जाने जाते है। उनके परिवार के पास Infosys की 2.29% हिस्सेदारी है। इसके अलावा वह UIDAI (भारत की विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के अध्यक्ष भी रह चुके है। ये एक ऐसे उद्यमी है, जिन्होंने बहुत कम उम्र में सफलता हासिल की। इन्होने IIT से शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद यह एक छोटे से शहर के लड़के से आत्मविश्वास और परिपक्व युवा व्यक्ति में बदल गए। उनका व्यक्तित्व समाज को महत्व देने वाला है, जो इनकी एक महत्वपूर्ण विशेषता है।

कौन है नंदन नीलेकणी ?

नंदन नीलेकणी का पूरा नाम नंदन मोहन नीलेकणि है। उनका जन्म आज ही के दिन (2 जून) साल 1955 में (66 साल) कर्नाटक के बंगलुरु में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहन राव नीलेकणी, माता का नाम दुर्गा नीलेकणी है। उनकी धर्मपत्नी रोहिणी नीलेकणी है और उनके 2 बच्चे जहान्वी, निहार है। उन्होंने बिशप कपास बॉयज़ स्कूल और सेंट जोसेफ हाई स्कूल धारवाड़, कर्नाटक पीयू कॉलेज धारवाड़ में अध्ययन किया और 1978 में आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वह भारतीय विशिष्ट पहचानपत्र प्राधिकरण (UIDAI) के अध्यक्ष, आईटी रह चुके है। साथ ही एक सॉफ्टवेयर उद्यमी है। उन्होंने साल 200 9 में, 'इमेजिंग इंडिया: द आइडिया ऑफ द रेन्यूड नेशन' नाम की अपनी एक पुस्तक भी प्रकाशित की थी।

नंदन नीलेकणी का शुरूआती जीवन :

नंदन नीलेकणी का जन्म भारत में एक मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ था। उनके पिता मैसूर और मिनर्वा मिल्स में एक महाप्रबंधक के पद पर कार्य करते थे। उनके पिताजी का लगातार नौकरी हस्तांतरण और स्थानान्तरण होता रहता था। जिसको देखते हुए और प्रभावित होकर नंदन नीलेकणी ने एक स्वतंत्र उद्यमी बनने का फैसला किया था। आईआईटी से शिक्षा प्राप्त करने के दौरान ही उन्होंने कड़ी मेहनत करना और टीम के एक हिस्से के रूप में प्रदर्शन करना सीखा। नीलेकणी के बड़े भाई विजय, परमाणु ऊर्जा संस्थान में काम करते हैं। नंदन नीलेकणी पहली वार 1978 में एन. आर. नारायण मूर्ति द्वारा अपनी पहली नौकरी के लिए मुंबई स्थित 'पटना कंप्यूटर सिस्टम्स' में चुने गए थे।

करियर की शुरुआत:

नंदन नीलेकणी ने स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद एक फर्म में कुछ सालों तक काम किया। इसके कुछ समय पश्चात् उन्होंने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर अपनी कंपनी स्थापित करने का फैसला किया और 1981 में एक कंपनी गठित की। जिसका नाम इन्होने 'इन्फोसिस' (Infosys) रखा। इसी कंपनी में मार्च 2002 से जून 2007 तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक के तौर पर काम किया। 2007 में, CEO के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी को छोड़ दिया। अपनी कंपनी छोड़ने के बाद, उन्होंने UIDAI (भारत की विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

राजनीती में प्रवेश:

बताते चलें, साल 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान, नंदन नीलेकणी ने राजनीति में अपना पहला कदम रखा। इसके साथ ही उन्होंने बैंगलोर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन यह भाजपा उम्मीदवार अनंत कुमार से 228,575 वोटों से हार गए थे।

नंदन नीलेकणि को मिले कई सम्मान :

नंदन नीलेकणि को

  • 2005 में, अर्थव्यवस्था, आर्थिक विज्ञान और राजनीति में उनकी नवीन सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित 'जोसेफ शंपटर पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।

  • 2006 में, फोर्ब्स एशिया ने उन्हें 'बिजनेसमैन ऑफ द ईयर' नाम से नवाजा गया था।

  • उन्हें 2006 में,पद्म भूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

  • 2006 में, वह विश्व आर्थिक मंच (WEF) फाउंडेशन बोर्ड पर 20 वैश्विक नेताओं में शामिल होने के लिए सबसे कम उम्र के उद्यमियों में चुने गए।

  • 2009 में, उन्हें टाइम पत्रिका द्वारा 'दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों' की समय 100 सूची में सूचीबद्ध किया गया था।

  • 2009 में, वह येल विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिष्ठित 'लीजेंड इन लीडरशिप अवार्ड' के साथ सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बने।

  • 2011 में, उन्हें एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर के 'ट्रांसफॉर्मल आइडिया ऑफ द ईयर अवार्ड' से सम्मानित किया गया था।

  • उन्हें 2011 में, रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, टोरंटो विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टर ऑफ लॉज की डिग्री मिली।

वर्तमान में नंदन नीलेकणी का कार्य :

नंदन नीलेकणी वर्तमान में इंफोसिस के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष (Non-Executive Chairman ) होने के साथ ही पांच बड़ी वित्तीय क्षेत्र की परियोजनाओं के प्रौद्योगिकी हिस्से को देखने के लिए भारत सलाहकार समूह की एक सरकार, ‘Technology Advisory Group for Unique Projects’ (TAGUP) के अध्यक्ष के रूप में काम करते हैं। इसके साथ ही वह विश्व आर्थिक मंच फाउंडेशन और बॉम्बे हेरिटेज फंड जैसे कई सलाहकार बोर्डों का भी हिस्सा हैं। वह वर्तमान में Indian Council for Research on International Economic Relations (ICRIER) के भारतीय परिषद के गवर्नर बोर्ड के सदस्य भी हैं।

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