1 अप्रैल से नहीं चलेगी पुरानी चेकबुक-पासबुक
1 अप्रैल से नहीं चलेगी पुरानी चेकबुक-पासबुक Syed Dabeer Hussain - RE
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बैंक ग्राहकों के लिए अलर्ट : 1 अप्रैल से नहीं चलेगी पुरानी चेकबुक-पासबुक

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। बीते दिनों में बैंको को हुए घाटे के चलते कई बैंको को मर्ज कर दिया गया। इन बैंकों में देश के लगभग 10 सरकारी बैंक शामिल हैं। वहीं, अब इन विलय हुए बैंको से जुड़ी एक बड़ी खबर सुनने में आरही है। दरअसल, विलय हुए यह 10 सरकारी बैंक 1 अप्रैल से 4 बैंकों में तब्दील हो जाएंगे। इन बैंको के विलय के बाद बैंकों की सेवाओं और नियमों में छोटे-बड़े बदलाव भी आएँगे। इसी के तहत अब 1 अप्रैल से 7 बैंकों की पुरानी चेकबुक और पासबुक काम करना बंद कर देगी।

चेकबुक और पासबुक कर देगी काम करना बंद :

यदि आपका अकाउंट इन 7 बैंको में से किसी में भी है तो, यह खबर आपके काम की जरूर हो सकती है। इन बैंको में देना बैंक, विजया बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक और इलाहाबाद बैंक के नाम शामिल हैं। दरअसल, बैंको के मर्ज होने के कारण 1 अप्रैल 2021 से इन बैंकों की चेकबुक और पासबुक इनवैलिड हो जाएगी यानी काम करना बंद कर देगी और 1 अप्रैल से सभी ग्राहकों को नए चेकबुक, पासबुक लेना होगा। बता दें, इन बैंकों का अन्य बैंकों में विलय 1 अप्रैल 2019 और 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हुआ है।

किस बैंक का विलय किसमें हुआ :

बताते चलें, भारत के कई बैंकों का विलय हुआ था, इनमें जिन बैंकों का विलय जिनमें हुआ है उनके नाम निम्लिखित हैं।

  • देना और विजया बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में हुआ।

  • ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुआ।

  • सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय हुआ।

  • आंध्रा बैंक व कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय हुआ।

  • इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हुआ।

बदल जाएंगी यह सेवाएं :

बता दें, मर्ज हुए बैंको बैंकों के ग्राहकों की खाता संख्या, IFSC, MICR कोड, ब्रांच एड्रेस, चेकबुक, पासबुक आदि बदल जाएंगे। इसके कारण OBC, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, विजया बैंक और देना बैंक की मौजूदा चेकबुक केवल 31 मार्च 2021 तक मान्य रहेंगी। इसके अलावा सिंडीकेट बैंक को लेकर केनरा बैंक का कहना है कि, 'सिंडीकेट बैंक की मौजूदा चेकबुक्स 30 जून 2021 तक मान्य रहेंगी। अगर आप मर्ज हो चुके बैंकों के ग्राहक हैं तो मोबाइल नंबर, पता, नॉमिनी आदि जैसी डिटेल्स भी अपडेट करा लें ताकि आगे चलकर परेशानी न हो और आपको जरूरी सूचना SMS या ईमेल के जरिए मिलती रहे।'

1 अप्रैल से ही क्यों :

सरकार को इन बैंको के नीति नियमों और कार्य प्रणाली को विभाजित करने में समय लगेगा और जिसके लिए सरकार को कुछ समय की जरूरत होगी। फिलहाल सरकार का विशेष ध्यान बैंको पर, उनके कार्यकलापों पर ही है। इसी कारण इन बैंको के बंटवारे के लिए 1 अप्रैल तक का समय रखा गया है। बता दें कि, जैसे ही यह काम पूरा होगा दोनों बैंकों के विलय से निर्मित हुए नए बैंक अस्तित्व में आ जाएंगे। इसके अलावा बैंकों के विलय हो जाने के बाद नए संस्थान का कारोबार भविष्य के दो से तीन सालों में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये तक का होगा।

यह जानकारी अपडेट कराना भी है अनिवार्य :

जब बैंक के ग्राहकों को नई चेकबुक, पासबुक मिल जाएगी, इसके बाद उन्हें विभिन्न फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में दर्ज अपनी बैंकिंग डिटेल्स के साथ ही म्यूचुअल फंड्स, ट्रेडिंग अकाउंट्स, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, इनकम टैक्स अकाउंट, एफडी/आरडी, पीएफ अकाउंट को अपडेट कराना अनिवार्य होगा।

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