इस बार नहीं रोना पड़ेगा प्याज के आंसू
इस बार नहीं रोना पड़ेगा प्याज के आंसू Syed Dabeer Hussain - RE
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इस बार नहीं रोना पड़ेगा प्याज के आंसू, पंजाब सरकार तैयार कर रही योजना

Kavita Singh Rathore

पंजाब, भारत। प्याज की गिनती एक ऐसे खाद्य पदार्थ के रूप में होती है जो, किसी भी सब्जी में मिलते ही सब्जी का स्वाद कई गुना बढ़ा देता है। वहीं, जब भी खाने पीने की चीजों में महंगाई बढ़ती है तो, सबसे पहले प्याज की कीमतें लोगों की आँखों में आंसू लाना शुरू कर देती है। ज्यादातर बारिश के बाद प्याज की कीमतें बढ़ जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नही होगा क्योंकि, इस बार महंगाई पर लगाम लगाते हुए प्याज की कीमतें न बढ़ाने का फैसला लिया गया है। हालांकि, ये कीमतें सिर्फ कुछ महीनों तक ही नही बढ़ेंगी।

इस बार नहीं रोना पड़ेगा प्याज के आंसू :

दरअसल, बारिश के बाद प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ना शुरू हो जाती है क्योंकि, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर को प्याज की किल्लत वाले महीनों के तौर पर देखा जाता है और इन महीनों में प्याज की कीमतें आसमान छूती नज़र आती है। हालांकि, इस बार इन तीनों महीनों में प्याज की कीमतें नहीं बढ़ेंगी। इसका एक मुख्य कारण यह भी बताया जा रहा है कि, ढाई लाख टन का प्याज का स्टॉकपुख्ता बंदोबस्त के तहत तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा नैफेड ने प्याज उत्पादक राज्यों में सीधे किसानों से प्याज की खरीदी कर ली है।

पंजाब सरकार की योजना :

जानकारी के लिए बता दें, पंजाब सरकार ने नीदरलैंड के सहयोग से प्याज पर एक एक्सीलेंस सेंटर (Centre of Excellence for onions) बनाने को लेकर योजना तैयार की है। इस योजना को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि, इस सेंटर के बन जाने के बाद पंजाब के किसान भी यहां प्याज की खेती करेंगे। इस योजना के तहत पंजाब सरकार ने संगरूर जिले के खीरी गांव में प्याज के लिए एक्सीलेंस सेंटर (Centre of excellence for onions) तैयार करने का फैसला किया है। इस सेंटर को तैयार करने का मकसद किसानों को पारंपरिक फसलों का विकल्प देना है। अगर पंजाब सरकार की यह योजना सफल रही तो, प्याज की उन्नत किस्म आने के बाद इसकी उत्पादकता बढ़ेगी। इससे किसानों की लाभ और अधिक होगा।

पंजाब के बागवानी मंत्री फौजा सिंह सरारी ने बताया :

पंजाब के बागवानी मंत्री फौजा सिंह सरारी ने बताया कि, 'नीदरलैंड के सहयोग से प्याज पर एक्सीलेंस सेंटर बनेगा। देखा जाए तो नीदरलैंड के सहयोग से यह राज्य में स्थापित होने वाला यह तीसरा एक्सीलेंस सेंटर Indo-Dutch Excellence centre होगा। इससे पहले जालंधर के धोगरी Dhogri में (Centre of Excellence for Potatoes) बन चुका है। इस केंद्र में मुख्य रूप से आलू के बीज पर काम होता है। पंजाब में ही दूसरा लुधियाना के दोराहा Doraha में बन रहा है। यह Centre for floriculture होगा, जिसमें सीड प्रोडक्शन टेक्नोलोजी पर ध्यान दिया जाएगा। पंजाब में ही सब्जियों की खेती के लिए करतारपुर में Indo-Israel Centre of Excellence है जबकि होशियारपुर के खनौरा में साइट्रस फ्रूट के लिए Indo-Israel Centre of Excellence बनाया जा चुका है।'

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