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FATF की 3 दिवसीय वर्चुअल बैठक के बाद सामने आया पाक पर अंतिम फैसला

Author : Kavita Singh Rathore

पाकिस्तान। हाल ही में खबर आई थी कि, पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के आसार कम हो गए थे और ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि, पाक भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद पर कार्रवाई न करने में नाकाम रहा है। इसके साथ ही पाक FATF के 6 मुख्य दायित्व को पूरा करने में भी नाकाम रहा था। पाकिस्तान पर जो फैसला आना बाकी था, वो अब आ चुका है।

FATF का पाक को लेकर फाइनल फैसला :

जानकारी के लिए बता दें, FATF एक ऐसी वैश्विक संस्था है जो, पाक के मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर नजर रखने का कार्य करती है। शुक्रवार को पेरिस में हुई ऑनलाइन मीटिंग के बाद FATF के द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार, पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकला गया है। यानि पाक अब भी इस लिस्ट में शामिल हैं। हालांकि, विपक्ष द्वारा हो रहे विरोध और कई मसलों में फांसी पाक की इमरान सरकार को इस फैसले बड़ा झटका लगा है।

दोस्त देश ने नहीं दिया साथ :

बताते चलें, ऑनलाइन हुई इस मीटिंग के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन पाक के दोस्त कहे जाने वाले देश चीन और उसके साथ कई ने देशों ने भी पाक का साथ नहीं दिया। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी देश पाक के सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ एक्शन से संतुष्ट नहीं हैं। बता दें, पाक को ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए 39 देशों में से 12 वोट की जरूरत थी। साथ ही पाक को ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए भी कम से कम 3 देशों का समर्थन चाहिए था।

FATF की वर्चुअल बैठक :

बता दें, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की यह वर्चुअल बैठक 3 दिन के लिए आयोजित की गई थी। जो कि, 21 से 23 अक्टूबर तक चलने के बाद अंतिम फैसला लिया गया। इस बैठक के दौरान पाकिस्तान इस ग्रे लिस्ट में रहेगा या नहीं इस पर चर्चा कर अंतिम फैसला लिया गया। बता दें, FATF ने पाकिस्तान को 27 दायित्व का एक्शन प्लान दिया था, इनमें से पाक 21 दायित्व ही पूरे कर सका था।

तुर्की का प्रस्ताव :

बताते चलें, पाकिस्तान जून, 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल हुआ था। बैठक में तुर्की द्वारा प्रस्ताव रखा गया कि, सभी सदस्य पाकिस्तान के अच्छे काम पर विचार करें। 27 में बाकी बचे 6 पॉइंट्स पर काम पूरा होने का इंतजार करने की बजाय एक टीम पाकिस्तान भेजकर अंतिम मूल्यांकन करना चाहिए। जबकि, FATF के 38 सदस्य देशों में से एक ने भी तुर्की का समर्थन नहीं किया। बता दें, इन सदस्यों में पाक के पड़ोसी और सहयोगी देश चीन, मलेशिया और सऊदी अरब भी शामिल थे।

FATF की ग्रे सूची से बाहर न निकलने की हालत में :

पाक के FATF की ग्रे सूची से बाहर नहीं निकलना उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। क्योंकि, अब पाक को FATF, एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आर्थिक मदद मिलना मुश्किल होगा। इसके अलावा पाकिस्तानी अधिकारी अवैध धन और मूल्य हस्तांतरण सेवाओं के खिलाफ सहयोग कर रहे हैं या नहीं। इस बात पर भी गौर किया जाएगा।

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