राज एक्सप्रेस। आज देश में एक तरफ कोरोना और दूसरी तरफ पेट्रोल की कीमतों ने आफत मचा रखी है। देशभर की जनता में सिर्फ इन दोनों के नाम से ही डर बैठा है कि, दोनों में ही अब और बढ़त दर्ज न की जाए। हालांकि, आज इन दोनों में ही गिरावट दर्ज की गई है। जहां, आज कोरोना का आंकड़ा पिछले दिनों की तुलना में घटा है वहीं, आज कई दिनों बाद मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कुछ राहत मिली है, लेकिन यह राहत चार राज्यों के लिए ही है। देखे कौन से है वो चार राज्य।
कहां घटी कितनी कीमत :
जी हां, आज एक लम्बे समय के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। क्योंकि, नए साल की शुरुआत या यूँ कहें पिछले साल से ही पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार बढ़त दर्ज की जा रही थी। हालांकि, यह कीमतें सिर्फ देश के इन चार राज्यों पश्चिम बंगाल, राजस्थान, असम और मेघालय में ही घटी है, लेकिन इन कीमतों में मात्र 5 रूपये तक की ही कटौती की गई है। बताते चलें, यह कीमतें पांचों राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम होने के चलते घटी है। बताते चलें, भारत में किसी भी प्रकार की सेवा और उत्पाद पर अधिकतम GST की दर 28% होती है, लेकिन सरकारी कंपनी के पेट्रोल पर मुनाफा देने के बाद सरकारी टैक्स 50% से ज्यादा हो जाता है।
किस राज्य में कितना कम हुआ पेट्रोल-डीजल पर टैक्स :
देश के पश्चिम बंगाल, राजस्थान, असम और मेघालय राज्य में आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटी हैं। इन राज्यों में,
राजस्थान ने 29 जनवरी को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले VAT 38% से घटाकर 36% तक कर दिया था। जिसके चलते कीमतें घटी।
पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले VAT में 1 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का ऐलान किया है। हालांकि, इसे चुनावी रुझान का नाम दिया गया है, क्योंकि यहां अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
असम की राज्य सरकार ने 12 फरवरी को पिछले साल कोरोना संकट के दौरान लगाए गए 5 रुपये एडिश्नल टैक्स को हटा लिया। जिसके चलते कीमतें घटी है। बता दें, असम में भी जल्द ही चुनाव होने वाले हैं।
मेघालय की राज्य सरकार ने ग्राहकों को काफी राहत देते हुए पेट्रोल पर 7.40 और डीजल पर 7.10 रुपये तक घटाने का ऐलान किया है। इन कीमतों को विस्तार से देखा जाये तो, पहले 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई, इसके बाद पेट्रोल पर वैट भी 31.62% से घटाकर 20% और डीजल पर 22.95% से घटाकर 12% कर दिया गया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री का कहना :
बताते चलें, केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइड ड्यूटी में कटौती करने से साफ़ इंकार कर दिया है। इस मामले में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधानका कहना है कि, 'ईंधन की कीमतें बढ़ने की वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर आधारित है। ईंधन की कीमतें बढ़ने की वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती होती है। ईंधन की कीमतें बढ़ने की दो मुख्य वजहें हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का उत्पादन कम किया गया है। उत्पादक देश अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए तेल के उत्पादन को कम कर रहे हैं। इसलिए कच्चा तेल खरीदने वाले देशों के लिए यह महंगा पड़ रहा है।
रोज सुबह तय की जाती है कीमतें :
जानकारी के लिए बता दें कि, पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह ही तय की जाती है, यह कीमतें ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) की कीमतों के आधार पर तय की जाती हैं। पेट्रोल और डीजल की प्रमुख कंपनियां इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) है और यह सभी कंपनियां हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतें निर्धारित कर देती हैं।
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