PM Modi addressd centenary celebrations of Visva Bharati University
PM Modi addressd centenary celebrations of Visva Bharati University Syed Dabeer Hussain - RE
व्यापार

विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में PM मोदी का संबोधन

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में विश्व भारती, मां भारती के साथ ही गुरुदेव से जुड़ी बातें भी कहीं।

शताब्दी समारोह में शामिल हुए PM मोदी :

गुरुवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, 'विश्वभारती, मां भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है। विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है। आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है। ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है। गुरुदेव ने हमें स्वदेशी समाज का संकल्प दिया था। वो हमारे गांवों, कृषि को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। वो वाणिज्य, व्यापार, कला, साहित्य को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे।'

PM मोदी के विचार :

PM मोदी ने गुरुदेव के सपने के बारे में बात करते हुए आगे कहा कि, 'भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था, उस स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला ये एक तरह से आराध्य स्थल है। विश्वविभारती के 100 वर्ष होना प्रत्येक भारतीय के गौरव की बात है। मेरी लिए भी ये सौभाग्य की बात है कि आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर मिल रहा है। विश्व भारती के ग्रामोदय का काम तो हमेशा से प्रशंसनीय रहे हैं। आपने 2015 में जिस योग डिपार्टमेंट शुरू किया था उसकी भी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।

मोदी ने आगे कहा, 'प्रकृति के साथ मिलकर अध्ययन और जीवन दोनों का साक्षात उदाहरण आपका विश्वविद्यालय परिसर है। भारत इंटरनेशनल सोलर एलायंज के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत पूरे विश्व में इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस अकॉर्ड के पर्यावरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।'

उन्होंने आगे कहा, 'जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो हमारे मन में सीधे 19-20वीं सदी का विचार आता है लेकिन ये भी एक तथ्य है कि इन आंदोलनों की नींव बहुत पहले रखी गई थी, भारत की आजादी के आंदोलन को सदियों पहले से चले आ रहे अनेक आंदोलनों से ऊर्जा मिली थी।'

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT