Prime Minister and Economists Meeting
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नीति आयोग में आज हुई प्रधानमंत्री की अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • नीति आयोग में आज प्रधानमंत्री की अर्थशास्त्रियों के साथ हुई बैठक

  • इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रहीं अनुपस्थित

  • बैठक में अलग-अलग सेक्टर से जुड़े लोगों ने अलग-अलग सुझाव रखे

  • बजट 2020-21 भारत में 1 फरवरी से लागू होगा

राज एक्सप्रेस। केंद्रीय बजट लागू होने से पहले आज (9 जनवरी) भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों के साथ एक बैठक ली। इस बैठक में देश की अर्थव्यवस्था, GDP ग्रोथ रेट और आर्थिक हालातों पर बात की गई। यह बैठक आज सुबह 11 बजे से शुरू हुई। वहीं मोदी सरकार वर्तमान में 2020-21 के बजट की तैयारी में जुटी हुई हैं। केंद्रीय बजट 1 फरवरी 2020 को लागू होगा। बताते चलें, सरकार ने हाल ही में अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और स्लोडाउन रोकने को लेकर कई फैसले लिए थे।

कौन-कौन हुआ शामिल :

नीति आयोग में हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी सहित गृह मंत्री अमित शाह, इकॉनोमिक एडवाइजर काउंसिल के उपाध्यक्ष विवेक देबरॉय, कैबिनेट के अन्य मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, CEO अमिताभ कांत और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। हालांकि, ऐसा पहली बार हुआ जब इस तरह की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल नहीं हुईं। बताते चलें कि, पिछले साल बजट लागू होने से पहले यह बैठक जून में देश के 40 अर्थशास्त्रियों के साथ हुई थी।

क्या हुआ बैठक में :

आज हुई बैठक में बिजनेसमैन अरविंद मेलिगिरी द्वारा बताया गया कि, "अलग-अलग सेक्टर से जुड़े लोगों ने अलग-अलग सुझाव दिए और प्रधानमंत्री ने हर एक के सुझाव को बहुत ही सकारात्मक तरीके से ध्यानपूर्वक सुना है। मैंने भी प्रोजेक्ट की मंजूरी को कई गुना सरल बनाने हेतु अपने सुझाव रखे।" इसके अलावा इस बैठक में इकोनॉमिक ग्रोथ की दर 5% से नीचे रहने की आशंका जताई गई। आपको बताते चलें कि, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के टॉप बिजनेसमैन के साथ भी एक बैठक की थी जो, अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए की गई थी। इस बैठक में रतन टाटा, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी सहित 11 बड़े बिजनेसमैन शामिल हुए थे।

बजट 2020 :

बजट 2020-21 भारत में 1 फरवरी से लागू हो जाएगा। हालांकि, जनता द्वारा इस बार के बजट से काफी उम्मीदें जताई जा रही हैं, लेकिन यह बजट ऐसे समय में पेश किया जाएगा जब एक तरफ पूरे देश में नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) का विरोध हो रहा है। दूसरी तरफ भारत की अर्थव्यवस्था भी कुछ सही नहीं चल रही है। अब देखना यह है कि, सरकार घटती हुई GDP की ग्रोथ, बढ़ती हुई बेरोजगारी, महंगाई आदि जैसी बड़ी समस्याओं के लिए क्या कदम उठाती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट ही अब सरकार का अंतिम सहारा है जिसके द्वारा सरकार भारत की अर्थव्यवस्था में सुधर ला सकती है।

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