ग्राहकों की भलाई के लिए RBI ने किया इस बैंक का लाइसेंस रद्द
ग्राहकों की भलाई के लिए RBI ने किया इस बैंक का लाइसेंस रद्द Syed Dabeer Hussain - RE
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ग्राहकों की भलाई के लिए RBI ने किया इस बैंक का लाइसेंस रद्द

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। जहां, पूरे देश में लॉकडाउन के बीच भी सभी बैंक आवश्यक वित्तीय कार्य हेतु खुले रहे और सभी बैंकों में कार्य रेगुलर होता रहा है। इसी बीच भारत के सभी बैंकों की निगरानी करने वाले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कई बैंकों पर जुर्माना लगाया और कई बैंकों के लाइसेंस भी रद्द किए थे। वहीं, RBI ने अब एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बता दें, RBI गोवा स्थित मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस को रद्द करने का फैसला किया है। जानिए, RBI ने क्यों किया यह फैसला?

मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द :

दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सभी बैंकों पर नियंत्रण रखता है। सभी बैंकों की लगाम RBI के हाथ में ही रहती है और RBI ने इन बैंकों के लिए कई नियम निर्धारित किये हैं। जब भी कोई बैंक किसी नियम का उल्लंघन करता है तब RBI इन बैंकों का लाइसेंस रद्द करने और जुर्माना लगाने जैसे फैसले लेता है। वहीं, अब RBI ने गोवा स्थित मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया है। RBI ने यह फैसला बैंक के खाताधारकों को संकट से बचाने के लिए किया है, क्योंकि, RBI के अनुसार बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के हिसाब से अभी के जमाकर्ताओं का पूरा पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए ही RBI को बैंक का लाइसेंस रद्द करना पड़ा है।

RBI ने बताया :

गोवा स्थित मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर RBI द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर RBI ने कहा है कि, 'मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं है। साथ ही वह बैंक नियमन कानून, 1949 के विभिन्न प्रावधानों का अनुपालन करने में विफल रही है। इसके अलावा गोवा के ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज से भी बैंक को बंद करने और उसके लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।'

क्या होगा डिपॉजिटर्स के पैसे का :

डिपॉजिटर्स के पैसे को लेकर जानकारी देते हुए RBI ने कहा कि, 'लगभग 99% डिपॉजिटर्स की जमा राशि बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से प्राप्त हो जाएगी। बैंक का डिपॉजिटर पांच लाख रुपए तक की अपनी जमाराशि का बीमा दावा हासिल करने का हकदार होगा। अगर रकम इससे ज्यादा है, तब भी डिपॉजिटर को 5 लाख तक की ही बीमा मिलेगी।'

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