क्रिप्टोकरेंसी पर संसदीय पैनल की पहली बैठक के बाद सामने आया RBI गवर्नर का बयान
क्रिप्टोकरेंसी पर संसदीय पैनल की पहली बैठक के बाद सामने आया RBI गवर्नर का बयान Neelesh Singh Thakur – RE
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क्रिप्टोकरेंसी पर संसदीय पैनल की पहली बैठक के बाद सामने आया RBI गवर्नर का बयान

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी वर्चुअल करेंसी या ऑनलाइन मुद्रा है, जिसे हम देख या छू नहीं सकते हैं। यह ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। जिनमें समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं। ज्यादातर निवेशक और ट्रेडर्स इसमें रूचि रखते हैं। वहीं, अब सरकार पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी के नियमों में कुछ बदलाव करने को लेकर विचार कर रही है। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसदीय पैनल की पहली बैठक सोमवार को हुई। इसके बाद आज मंगलवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने मामले में अपना बयान साझा किया है।

क्रिप्टोकरेंसी पर संसदीय पैनल की पहली बैठक :

दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसदीय पैनल की पहली बैठक सोमवार को आयोजित की गई। इस दौरान इस बैठक की अगुवाई बीजेपी नेता जयंत सिन्हा ने की। इस बैठक के दौरान हुई चर्चा में आम सहमति यह बनी है कि, 'क्रिप्टो और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से बैन नहीं किया जा सकता। इसे सही तरीके से रेगुलेट करने की जरूरत है। हालांकि, उद्योग संघ और हितधारक ने इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है कि, इसकी डोर किसके हाथों में होना चाहिए। इसके अलावा इस बैठक के दौरान संसदीय स्थाई समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, उद्योग निकायों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों से भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काफी बातचीत की। इस चर्चा के बाद आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मामले में बयान साझा करते हुए SBI कॉन्क्लेव में कहा,

'जब RBI ये कहता है कि, क्रिप्टोकरेंसी से मेक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंताएं हैं, तो इस मुद्दे पर गहन चर्चा की जरूरत है। कोरोना महामारी के वजह से लगाए गए लॉकडाउन के हटने के बाद भारत में लगभग सभी इकोनॉमिक इंडिकेटर रिकवरी की ओर इशारा कर रहे हैं। भारत के पास महामारी के बाद तेजी से बढ़ने का पोटेंशियल है।'
शक्तिकांत दास, RBI गवर्नर

सांसदों ने जताई चिंता :

खबरों की मानें तो, पैनल के संसद सदस्यों (सांसदों) ने सामाचार पत्रों में क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने वाले प्रचारों पर सवाल उठाते हुए निवेशकों के पैसे की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। इसके अलावा सांसद यह भी चाहते हैं कि, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनकी जो चिंताएं हैं। उसे दूर करने के लिए सरकारी अधिकार पैनल के सामने पेश हों। बता दें, केंद्र सरकार टेरर फंडिंग और अन्य चिंताओं को मद्देनजर रखते हुए 29 नवंबर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा विधेयक भी पेश कर सकती है।

RBI गवर्नर का कहना :

बैंकिंग सेक्टर पर चर्चा करते हुए RBI गवर्नर ने कहा, 'इन्वेस्टमेंट साइकिल तेज होने पर बैंकों को निवेश के लिए तैयार रहना चाहिए।' इसके अलावा उन्होंने बैंकों से कैपिटल मैनेजमेंट प्रोसेस में सुधार का आग्रह करते हुए बताया है कि, 'RBI कुछ बैंकों के मॉडल पर करीब से नजर रख रहा है। बैंकों के ग्रॉस NPA की जानकारी देते हुए दास ने बताया कि सितंबर 2021 में ग्रॉस NPA जून के लेवल से सुधरा है। जैसे बहुत ज्यादा पानी शरीर के लिए अच्छा नहीं है, RBI धीरे-धीरे लिक्वीडिटी को रिबैलेंस कर रही है। यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि लिक्विडिटी पर्याप्त मात्रा में हो, लेकिन अधिक नहीं। स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत टॉप परफॉर्मर के रूप में उभरा है। उन्होंने ग्लोबल रिकवरी के साथ एक्सपोर्ट के भी सुधरने की उम्मीद जताई है।'

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