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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को रिकॉर्ड चौथी बार मिला एशिया का 'इश्यूअर ऑफ द ईयर' खिताब

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • रिलायंस ने 7.5 अरब अमेरिकी डॉलर का सिंडिकेटेड लोन जुटाया

  • यह एशिया प्रशांत में किसी कंपनी द्वारा जुटाई गई सबसे बड़ी राशि

  • इस सौदे में 55 बैंकों के अब तक के सबसे बड़े समूह ने भाग लिया

राज एक्सप्रेस । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को लगातार चौथी बार प्रतिष्ठित आईएफआर एशिया का 'इश्यूअर ऑफ द ईयर' अवार्ड मिला है। यह अवार्ड कंपनी को 2023 में बड़े आकार के फंडिंग सौदों के लिए सबसे अनुकूल मूल्य निर्धारण प्राप्त करने और कई बाजार चुनौतियों से पार पाने के लिए दिया गया है। रिलायंस ने 7.5 अरब अमेरिकी डॉलर का सिंडिकेटेड लोन जुटाया, जो एशिया प्रशांत क्षेत्र में किसी भी कंपनी द्वारा जुटाई गई सबसे बड़ी राशि है। इस सौदे में 55 बैंकों के अब तक के सबसे बड़े समूह ने भाग लिया, जिससे यह भारत का अब तक का सबसे व्यापक रूप से सिंडिकेटेड सौदा बन गया।

रिलायंस जियो ने पहला सिंडीकेट लोन जुटाया

रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने बिना किसी गारंटी के अपना पहला सिंडिकेटेड लोन जुटाया, यह उनकी वित्तीय स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार में मजबूत स्थिति का संकेत देता है। उल्लेखनीय है कि रिलायंस और जियो के सिंडिकेटेड लोन के बीच मूल्य अंतर केवल 10 बीपीएस था, जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में जियो की बढ़ती परिपक्वता को दर्शाता है।

विविध स्रोतों से फंड जुटाने में मिली सफलता

रिलायंस ने स्वीडन, फिनलैंड, कनाडा और कोरिया सहित दुनिया की कुछ सबसे बड़ी निर्यात ऋण एजेंसियों (ईसीए) से 5 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाए। इसके अलावा, उन्होंने 20,000 करोड़ रुपये का 10 साल का रुपी बॉन्ड जारी किया, जो किसी भी गैर-वित्तीय कंपनी द्वारा जारी किया गया सबसे बड़ा बॉन्ड था। इस बॉन्ड को भारी ओवरसब्सक्राइब किया गया और इसने रिलायंस के लिए अब तक का सबसे कम कूपन और भारतीय सरकारी 10 साल के सिक्योरिटी से केवल 40 बीपीएस अधिक का सबसे टाइट स्प्रेड हासिल किया।

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन

जून में, रिलायंस ने 2.45 अरब अमेरिकी डॉलर का पुनर्वित्तपोषण किया, जिसमें 34 विभिन्न बैंकों से धन प्राप्त किया और लागत कम करने में सफल रहे। यह पुरस्कार इस बात का प्रमाण है कि रिलायंस ने 2023 में चुनौतीपूर्ण बाजार परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। 2023 में अमेरिकी ब्याज दरों में वृद्धि के कारण एशिया के अपतटीय ऋण बाजार में ठहराव आ गया था। अमेरिकी डॉलर बॉन्ड बाजार भी अस्थिर था।

विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने में सफल रही रिलायंस

भारत सरकार द्वारा भी जुलाई 2023 में विदेशी वाणिज्यिक उधारों पर लगने वाले कर को 5% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया था, जिससे कंपनियों के लिए उधार लेने की लागत बढ़ गई थी। इन चुनौतियों के बावजूद, रिलायंस विविध स्रोतों से धन जुटाने और लागत कम करने में सफल रही। यह पुरस्कार रिलायंस की वित्तीय प्रबंधन क्षमता और बाजार की अस्थिरता के दौरान अवसरों का लाभ उठाने की उनकी रणनीति की पुष्टि करता है।

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