Reliance Jio के पिटारे में जुड़ने जा रहा 6G टेक्नोलॉजी का नाम
Reliance Jio के पिटारे में जुड़ने जा रहा 6G टेक्नोलॉजी का नाम Social Media
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Reliance Jio के पिटारे में जुड़ने जा रहा 6G टेक्नोलॉजी का नाम

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली टेलिकॉम कंपनी Reliance Jio लांचिंग के समय से अपने ग्राहकों को काफी आकर्षक सर्विस प्रदान करती आई है। आये दिन नए और एक से एक ऑफर देती आई है। इसी लिस्ट में अब 6G टेक्नोलॉजी सर्विस का नाम भी जुड़ने जा रहा है। क्योंकि, Jio ने अब अपने 6G के लांच की तैयारीयां शुरू कर दी है। हालांकि, 6G टेक्नोलॉजी की शुरुआत Reliance इंडस्ट्रीज की एक यूनिट Jio Estonia अकेले नहीं करेगी।

6G टेक्नोलॉजी की शुरुआत :

दरअसल, Reliance Jio हर साल अपनी कोई न कोई सर्विस लेकर मार्केट में उतर जाती है। इसी कड़ी में अब Jio अपनी 6G सर्विस प्रदान करने की तैयारी में जुटी हुई है। इसे विकसित करने के लिए Jio Estonia ने और फिनलैंड बेस्ड यूनिवर्सिटी ऑफ औलू (University of Oulu) के साथ हाथ मिला लिया है। इस डील के तहत University of Oulu ने कंपनी को 6G टेक्नोलॉजी विकसित करने के साथ ही उद्यमिता को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए भी एक एग्रीमेंट साइन किया है। 6G टेक्नोलॉजी आने से कॉल-फ्री MIMO, इंटेलिजेंस सरफेस और टेरा-हर्ट्ज फ्रिक्वेंसी सपोर्ट मिलेगा। खबरों की मानें तो कंपनी की 5G और 6G सर्विस एक साथ काम कर सकती है।

6G सर्विस का फायदा :

बताते चलें, कंपनी की 6G टेक्नोलॉजी लांच होने से ग्राहकों को एक बड़े दायरे में इंटरनेट मिलेगा। साथ ही 6G की लांचिंग से डिफेंस, ऑटोमोटिव, व्हाइट गुड्स, इंडस्ट्रियल, कंज्यूमर गुड्स, मैन्युफैक्चिरिंग, स्मार्ट डिवाइस इन्वॉयरमेंट, कंप्यूटिंग और ऑटोनॉमस ट्रैफिक में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। University of Oulu के साथ हुई इस डील के बाद ऐसी उम्मीद की जा रही है कि, 'Jio के 5G क्षमता को विस्तार में मदद मिलेगी और 6G के लिए डेवलपमेंट के लिए भी रिसर्च किए जाएंगे।'

रिपोर्ट के अनुसार :

इस मामले में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, University of Oulu और रिलायंस जियो ने एक जॉइंट स्टेटमेंट में में कहा है कि, 'इस साझेदारी से एरियल और स्पेस कम्युनिकेशन, होलोग्राफिक बीमफॉर्मिंग, साइबरसिक्योरिटी, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक और फोटोनिक्स में 3D कनेक्टेड इंटेलिजेंस सहित कई क्षेत्रों में उद्योग और अकादमिक दोनों से विशेषज्ञता के विश्व स्तरीय पूल को एक साथ लाकर उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। 5G डेटा नेटवर्क्स के लिए तेज स्पीड, लोवर लेटेंसी और ग्रेट कैपेसिटी इनेबल करता है। साथ ही 5G बड़े पैमाने पर मशीन-टाइप कम्युनिकेशन्स और नेटवर्क स्लाइसिंग के जरिए वर्चुअल नेटवर्क डिप्लॉयमेंट को पॉसिबल करने में भी मदद करता है। 6G 5G के ऊपर बनता है। ये दोनों मौजूद रहेंगे और कंज्यूमर और एंटरप्राइज दोनों के काम आएंगे।'

सीनियर वाइस प्रेसिडेंट का कहना :

Jio Platform के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट आयुष भटनागर ने कहा कि, 'यूनिवर्सिटी ऑफ औलू के साथ 6G रिसर्च और कैपेबिलिटीज में अर्ली इन्वेस्टमेंट से 5G में जियो लैब की कैपेबिलिटीज को फायदा होगा और 6G भी अस्तित्व में आ सकेगा।'

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