RIL-फ्यूचर ग्रुप की 24,713 करोड़ की डील की समय सीमा बढ़ी
RIL-फ्यूचर ग्रुप की 24,713 करोड़ की डील की समय सीमा बढ़ी Kavita Singh Rathore - RE
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RIL-फ्यूचर ग्रुप की 24,713 करोड़ की डील की समय सीमा बढ़ी

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) भारत की एक ऐसी कंपनी है। जो, काफी समय से सिर्फ विदेश की कई कंपनियों के साथ डील करने के लिए चर्चा में रही है। वहीं, हाल ही में RIL की रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की रीटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप से साझेदारी होने की खबरें सामने आईं थीं, लेकिन दोनों कंपनी की यह डील जेफ़ बेजोस की कंपनी Amazon के चलते विवादों में आ गई थी। कुछ समय तक ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट में चला, उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट जा पंहुचा। वहीं, अब डील को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अहम् फैसला लिया है।

डील की समय सीमा बढ़ी :

दरअसल, रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटेल कारोबार की भागदौड़ देखने वाली कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के थोक व खुदरा कारोबार को खरीदने का सौदा पूरने की समय-सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद इस समय सीमा छह महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है। इस बारे में जानकारी फ्यूचर रिटेल के द्वारा शेयर बाजारों को दी गयी। दी गई जानकारों के मुताबिक, रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने लांग स्टॉप डेट के तहत डील पूरी करने की समयावधि को 31 मार्च 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दिया है।

फ्यूचर रिटेल का कहना :

फ्यूचर रिटेल का कहना है कि, योजना और अन्य लेन-देन दस्तावेजों के प्रावधानों के अनुसार, RRVL ने अधिकार प्रदान करने की कवायद की है, जिसमें 31 मार्च, 2021 से 30 सितंबर, 2021 तक 'लॉन्ग स्टॉप डेट' की समयसीमा का विस्तार किया गया है, जिसे विधिवत स्वीकार किया गया है।' बता दें, दोनों कंपनियों की यह डील अमेजन कंपनी के द्वारा दायर की गई याचिका के चलते अटकी हुई है। इस मामले में अभी सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आना अभी बाकी है।

दोनों कंपनियों की डील :

बताते चलें, यदि दोनों कंपनियों की यह डील कुल 24,713 करोड़ रुपये में पूरी होगी, लेकिन फिलहाल विवादों के चलते इस डील की समय अवधि बढ़ा दी गई है। बताते चलें, इस डील से जुड़ी जानकारी सबसे पहले 29 अगस्त 2020 को सामने आई थी, जब कंपनी ने इस डील को लेकर घोषणा की थी। उसके बाद से ही यह डील विवादों में घिर गई जबकि, इस डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) तथा शेयर बाजारों से मंजूरी मिल चुकी है। इस डील को अब सिर्फ NCLT और शेयरधारकों से मंजूरी मिलना बाकी है।

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