SBI का कहना लॉकडाउन में निकले घर से तो, गड़बड़ा जाएगी अर्थव्यवस्था
SBI का कहना लॉकडाउन में निकले घर से तो, गड़बड़ा जाएगी अर्थव्यवस्था Kavita Singh Rathore -RE
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SBI का कहना लॉकडाउन में निकले घर से तो, गड़बड़ा जाएगी अर्थव्यवस्था

Author : राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। 31 मई को लॉकडाउन-4 खत्म हो रहा है। माना जा रहा है कि एक जून से देश के गिने चुने 13 शहरों में लॉकडाउन होगा और बाकी देश खुल जाएगा। इससे आर्थिक गतिविधि में जरूर तेजी आएगी, लेकिन कोरोना का खतरा भी बढ़ेगा। ऐसे में एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को सोच समझ कर लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति बनानी होगी।

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को वृद्धि दर में स्थिर गिरावट को रोकने के लिए लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति काफी सोच-विचार कर बनानी होगी। बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रह गई है, जो इसका 11 साल का निचला स्तर है। बीते वित्त वर्ष की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है।

कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है, अब हमारा मानना है कि हमें समझदारी के साथ लॉकडाउन से निकलने की रणनीति बनानी चाहिए। राष्ट्रव्यापी बंद लंबा खींचने से वृद्धि दर में गिरावट भी लंबे समय तक रहेगी।

मंदी से बाहर निकलने की रफ्तार काफी धीमी

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व के अनुभवों से पता चलता है कि मंदी से बाहर निकलने की रफ्तार काफी धीमी रहती है। आर्थिक गतिविधियों के पुराने स्तर पर पहुंचने में पांच से दस साल लग जाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च के अंतिम कुछ दिनों में बंद की वजह से चौथी तिमाही की वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए, तो सिर्फ कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा। बीते वित्त वर्ष में कृषि और संबद्ध गतिविधियों की वृद्धि दर चार प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 2.4 प्रतिशत रही थी।

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