SEBI ने बॉम्बे डाइंग सहित वाडिया परिवार पर लगाया दो साल का बैन
SEBI ने बॉम्बे डाइंग सहित वाडिया परिवार पर लगाया दो साल का बैन Social Media
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SEBI ने बॉम्बे डाइंग सहित वाडिया परिवार पर लगाया दो साल का बैन

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) द्वारा समय-समय पर वित्तीय नियमों में बदलाव किए जाते रहे हैं। साथ ही SEBI का मुख्य काम वित्तीय संस्थानों और वित्तीय गतिविधियों पर नजर बनाए रखना है। इतना ही नहीं SEBI सभी वित्तीय संस्थानों से जुड़े फैसले ले सकता है, साथ ही उनके द्वारा गलती करने पर उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करते हुए उन पर जुर्माना लगाते हुए उन्हें बैन किया जा सकता है। वहीं, अब SEBI ने बॉम्बे डाइंग व मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड NSE और इसके प्रमोटर नुस्ली एन वाडिया, नेस वाडिया और जहांगीर वाडिया सहित 10 संस्थाओं पर सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंध लगा दिया है।

SEBI ने लगाया बैन :

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) द्वारा कुछ नियमों का उल्लंघन करने के चलते बॉम्बे डाइंग व मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड NSE और इसके प्रमोटर नुस्ली एन वाडिया, नेस वाडिया और जहांगीर वाडिया सहित 10 संस्थाओं को 2 सालों का प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध के बाद यह सभी 2 साल तक सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंधित हैं और इसमें किसी भी तरह से हिस्सा नहीं ले सकते हैं। साथ ही इन सभी पर कुल 15.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। SEBI ने उनपर लगे आरोपी के चलते उनके खिलाफ यह कार्यवाही की है। इसके अलावा इन्हें यह जुर्माना भरने के लिए मात्र 45 दिनों की मौहलत दी गई है। वहीं, इनके अलावा वाडिया समूह की कंपनी स्केल सर्विसेज लिमिटेड पर भी बैन लगा है। इस मामले में पूर्व निदेशक डी एस गगराट, एनएच दातानवाला शैलेश कार्णिक, आर चंद्रशेखरन और दुर्गेश मेहता के भी नाम सामने आए हैं और इन पर भी कार्रवाई हुई है। 

लगा है यह आरोप :

SEBI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के फाइनेंशियल डिटेल को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। साथ ही इस मामले में धोखाधड़ी योजना में शामिल है। SEBI ने बताया कि, 'कुछ शिकायतों के आधार पर वित्त वर्ष 2011-12 से वित्त वर्ष 2018-19 तक की अवधि के लिए बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड (बीडीएमसीएल) के मामलों की विस्तृत जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि, प्रतिबंधित प्रमोटर और संस्थाओं ने 2,492.94 करोड़ की बिक्री से मिलने वाले 1,302.20 करोड़ रुपये के लाभ के साथ हेरफेर की और इसे बढ़ाकर बीडीएमसीएल के फाइनेंशियल डिटेल को प्रभावित किया गया।'

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