SEBI ने IPO के लिए नियमों में सख्ती के लिए पेश किया प्रस्ताव
SEBI ने IPO के लिए नियमों में सख्ती के लिए पेश किया प्रस्ताव  Scioal Media
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SEBI ने IPO के लिए नियमों में सख्ती के लिए पेश किया प्रस्ताव

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। जब-जब कंपनियों को कारोबार का विस्तार करने या किसी अन्य कारण के लिए पूंजी जुटाने की आवश्यकता होती है। तब-तब कंपनियां अपना IPO (Initial Public Offering) लेकर मार्केट में उतरती हैं। जिससे उन कंपनियों को पूंजी जुटाने में निवेशकों का साथ मिल जाता है और यह निवेशक आप और हम में से ही कई लोग होते हैं। बता दें, किसी भी IPO में निवेश करने के कुछ नियम होते है। जिनको ध्यान रखना जरूरी होता है। यदि आप भी IPO में निवेश करते हैं या निवेश करने का मन बना रहे हैं तो यह खबर हो सकती है आपके काम की।

IPO में निवेश के नियमों में होगा बदलाव :

दरअसल, किसी भी निवेशक को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) में निवेश करना चाहता है तो थोड़ा ध्यान रखें क्योंकि, IPO में निवेश के पहले से कई नियम निर्धारित किए गए थे। उन नियमों में अब बदलाव किया जा रहा है यह बदलाव मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा किए जाएंगे और SEBI ने इस मामले में बड़ी घोषणा भी की है। बता दें, SEBI हमेशा से ही समय-समय पर वित्तीय नियमों में बदलाव करता आया है। इसलिए IPO में निवेश के नियमों में होने वाले बदलाव भी SEBI द्वारा किए जाएंगे।

बाजार नियामक ने दिए ये प्रस्ताव :

बताते चलें, बाजार नियामक मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने IPO के लिए तय किए गए नियमों में सख्ती लाने के लिए प्रस्ताव पेश किया है। SEBI ने इस प्रस्ताव के तहत एंकर निवेशकों के लिए लंबे समय तक लॉक-इन करने की सलाह दी है। इस मामले में बाजार नियामक SEBI ने कहा है कि, 'एंकर निवेशकों को आवंटित शेयरों की संख्या में से कम से कम आधे में 30 दिनों से ऊपर 90 दिनों या उससे अधिक का लॉक-इन होना चाहिए।'

SEBI का प्रस्ताव :

SEBI ने अधिग्रहण और अनिर्दिष्ट रणनीतिक निवेश के लिए अधिकतम 35% आय को सीमित करने का प्रस्ताव रखा है। बाजार नियामक SEBI द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि, 'बाजार से पैसा जुटाने का लक्ष्य रखने वाली कंपनी को केवल एक उद्देश्य के रूप में ‘भविष्य में अधिग्रहण के लिए’ बताने के बजाय फंड उगाहने के बारे में अधिक स्पष्ट रूप से बताना चाहिए। इस प्रस्ताव के जरिए सेबी दरअसल, इनऑर्गेनिक ग्रोथ की फंडिंग के लिए कंपनियों द्वारा IPO के माध्यम से जुटाई जा सकने वाली राशि को सीमित करना चाहता है।'

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