श्रीलंका ने की भारत की सारी फ्लाइट्स रद्द
श्रीलंका ने की भारत की सारी फ्लाइट्स रद्द  Social Media
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अन्य देशों की राह पर आया श्रीलंका, किया भारत की सारी फ्लाइट्स को रद्द

Author : Kavita Singh Rathore

श्रीलंका-भारत। पिछले कुछ समय में भारत में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन और डवल म्यूटेंट वेरिएंट से खलबली मच गई है। भारत में कोरोना के मामलों में पिछले कुछ समय में अचानक ही बहुत तेजी से बढ़े हैं। इतना ही नहीं ऐसा लग रहा है, यहां कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी के चलते अब कुछ देश भारत से दूरी बनाते नजर आरहे हैं। पिछले दिनों हांगकांग, ब्रिटेन, फ्रांस और पाक जैसे कई देशों ने भारत से आने-जाने वाली सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स को रद्द करने का फैसला लिया था। वहीं, अब श्रीलंका ने भी सारी फ्लाइट्स को रद्द करने का ऐलान कर दिया है।

श्रीलंका ने लगाई रोक :

दरअसल, देश में कोरोना के मामलें इतने ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में इन मामलों पर काबू पाना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ऐसे में सरकार ने एक बार फिर इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगाना शुरू कर दिया है। उधर दूसरी तरफ अलग-अलग देश भी भारत से दूरी बनाते नजर आरहे हैं। इसी कड़ी में श्रीलंका ने भी तत्काल प्रभाव से भारत से आने-जाने वाली सभी फ्लाइट्स पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए नागर विमानन महानिदेशक ने श्रीलंका एयरलाइंस के CEO को पत्र लिखकर कहा कि, ‘‘कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर श्रीलंका के हेल्थ अथॉरिटी से मिले निर्देशों के अनुसार यह निर्देश दिया जाता है कि तत्काल प्रभाव से भारत से आने वाले यात्रियों को श्रीलंका आने की अनुमति नहीं होगी।"

श्रीलंका की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने दी जानकारी :

श्रीलंका की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने जानकारी देते हुए कहा कि, 'भारत के यात्रियों को श्रीलंका आने की अनुमति नहीं होगी। भारत में कोरोना वायरस के तेजी फैलने के कारण यह फैसला लिया गया है।' गौरतलब है कि, श्रीलंका ने भी यह कदम अपने देश को कोरोना से बचाने के चलते ही लिया है। क्योंकि, श्रीलंका में भी पिछले पांच दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़त दर्ज हुई है। यह बढ़त प्रतिदिन 2,000 से ज्यादा मामलों तक गई थी जबकि, मध्य अप्रैल तक श्रीलंका प्रतिदिन औसतन 200 मामले सामने आ रहे थे।

ट्रांजिट हब के रूप में कार्य :

बताते चलें, पश्चिम एशिया और सिंगापुर जैसे दूसरे डेस्टिनेशन पर जाने वाले भारतीयों के लिए श्रीलंका ने ट्रांजिट हब के रूप में कार्य किया था, जिसके लिए उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन आवश्यकता थी। यह श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण का एक अरेंजमेंट था। ट्रैवल बबल के तहत भारतीय पर्यटकों का श्रीलंका जाना जारी था।

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