Supreme Court hearing on RCom dues
Supreme Court hearing on RCom dues Social Media
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सुप्रीम कोर्ट ने उठाया RCom की बकाया रकम को लेकर प्रश्न

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। काफी समय से नुकसान और विवादों में घिरे अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस ग्रुप (RCom) का नाम एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उनकी कंपनी और उनके भाई मुकेश अंबानी दोनों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट जानना चाहती है कि, अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस पर बकाया (AGR) की 31,000 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान क्या रिलायंस Jio करेगी ? सुप्रीम कोर्ट ने बकाया राशि को लेकर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान यहीं सवाल उठाया था।

रिलायंस Jio का जबाव :

बताते चलें, सुप्रीम कोर्ट के इस प्रश्न के बाद रिलायंस Jio के से जुड़े सूत्रों ने अपना बयान देते हुए बताया कि, मुकेश अंबानी इस भुगतान के लिए मना कर सकते हैं। बता दें, सुप्रीम कोर्ट और लोगों के मन में इस तरह का सवाल उठने का कारण स्पेक्ट्रम है। क्योंकि, रिलायंस Jio कंपनी वर्तमान में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस (RCom) के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर रही है। परंतु कंपनी का तर्क है कि, कंपनी पर AGR की रकम साल 2016 से भी पहले से बकाया है।

AGR की सुनवाई :

सुप्रीम कोर्ट ने AGR मामले पर सुनवाई के समय ये प्रश्न उठा कर लोगों को चिंता में डाल दिया है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की बेंच का कहना है कि, "क्या दिवालिया हुई RCom कंपनी की बकाया AGR की रकम का भुगतान Jio कंपनी की तरफ से किया जाएगा।"

2016 से पहले की है AGR की रकम :

इस मामले को लेकर रिलायंस Jio का कहना है कि, टेलिकॉम विभाग के मुताबिक RCom पर जो AGR बकाया कैलकुलेट किया गया है, उसमें बड़ा हिस्सा 2G, 3G बिजनेस का है, जो 2016 से पहले का है। हालांकि हाई कोर्ट के एक नोट से यह बात सामने आई थी कि, यह कैलकुलेशन सामान्य तौर पर वित्त वर्ष 2017 तक के लिए की गई है। गौरतलब है कि, अनिल अंबानी कंपनी RCom पर AGR की 25,199.27 करोड़ रुपये की रकम बकाया है, जिसमें स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंस फीस शामिल है। जबकि, रिलायंस Jio द्वारा अपनी AGR की 195.18 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान जनवरी 2020 में ही कर दिया था।

रिलायंस Jio का कहना :

रिलायंस Jio ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि, RCom की बकाया रकम और स्पेक्ट्रम शेयरिंग का कोई संबंध नहीं है, यह पूरी तरह से टेलिकॉम विभाग के नियमों के मुताबिक है। रिलायंस Jio द्वारा सुप्रीम कोर्ट को शुक्रवार को ही बता दिया गया कि, वह सरकार को स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज पहले से ही अदा कर रही है।

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