नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार और RBI को नोटिस
नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार और RBI को नोटिस Social Media
व्यापार

नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया केंद्र सरकार और RBI को नोटिस

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। हाल ही में खबर सामने आई थी कि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा जारी की गई 2016-17 से लेकर ताजा 2021-22 तक की एनुअल रिपोर्ट्स के अनुसार, RBI द्वारा नोटबंदी के बाद 2016 से लेकर वर्तमान समय तक 500 और 2000 के कुल 6,849 करोड़ रूपये की करंसी के नोट छापे थे। जिनमे से 1,680 करोड़ से ज्यादा करंसी नोट सर्कुलेशन से गायब होने की खबर हैं। इसके बाद 'नोटबंदी' (Demonetisation) वाला मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में हैं और इस मामले को लेकर अब कोर्ट ने 'नोटबंदी' (Demonetisation) पर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को नोटिस जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस :

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी वाले मामले में आगे की जांच करने के चलते केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने दोनों से 9 नवंबर तक जवाब की भी मांग की है। इस मामले में की गई सुनवाई के दौरान 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला लेते हुए जवाब मांगते हुए कहा है कि, 'किस कानून के तहत 1000 और 500 रुपए के नोट बंद किए गए थे। कोर्ट ने सरकार और RBI को एफिडेविट में जवाब देने को कहा है। बता दें, इस मामले में एक याचिका दायर की गई थी।

क्या था याचिका में ?

बताते चलें, याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि, 'भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 26 (2) के अनुसार, किसी विशेष मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों को पूरी तरह से रद्द करने के लिए सरकार को अधिकृत नहीं है। जबकि, धारा 26 (2) केंद्र सरकार को सिर्फ एक खास सीरीज के करेंसी नोटों को ही बंद करने की अनुमति देती है। वह सभी नोटों को बंद नहीं कर सकती है, लेकिन सरकार ने इस तरह का फैसला किया था तो किस धारा के आधार पर इन्हें बंद किया था। इस मामले में सरकार और RBI को कोर्ट को जवाब देना होगा। बता दें, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई लाइव स्ट्रीमिंग https://webcast.gov.in/scindia पर हुई थी।

सुनवाई के दौरान जजों ने दी दलील :

बता दें, 28 सितंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान 5 जजों की बेंच ने यह दलील देते हुए मामले की कार्यवाही टाल दी थी कि, कोर्ट के पास और भी कई महत्वपूर्ण और अधिकारों से जुड़े मामले हैं। जिनपर फैसला होना है या आगे की सुनवाई होना है। बता दें, साल 2016 में विवेक शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को चुनौती दी थी। इसके बाद ऐसी ही 58 और याचिकाएं भी दायर की गईं। जबकि अब तक इस मामले से जुडी सिर्फ तीन याचिकाओं पर ही सुनवाई हो पाई है। हालांकि, अब सब पर एक साथ जस्टिस एस.अब्दुल नजीर की अध्यक्षता में सुनवाई होने की बात सामने आई है।

चीफ जस्टिस ने की थी तारीफ :

जानकारी के अनुसार, ये केस 16 दिसंबर 2016 को संविधान पीठ को सौंपा गया था, लेकिन तब बेंच का गठन न हो पाने के कारण ये मामला वहीं रुक गया था, लेकिन 15 नवंबर 2016 को उस समय के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने मोदी सरकार के नोटबंदी वाले फैसले की तारीफ की थी। चीफ जस्टिस का कहना था कि, 'नोटबंदी की योजना के पीछे सरकार की जो मंशा है वो तारीफ के लायक है। हम आर्थिक नीति में दखल नहीं देना चाहते, लेकिन हमें लोगों को हो रही असुविधा की चिंता है।' उन्होंने सरकार से इस मसले पर एक हलफनामा दायर करने को कहा था।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT