Supreme Court verdict on Telecom companies AGR
Supreme Court verdict on Telecom companies AGR  Kavita Singh Rathore -RE
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टेलिकॉम कंपनियों को 10 साल के लिए मिला AGR के भुगतान से छुटकारा

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। साल 2020 टेलिकॉम कंपनियों के लिए भी कुछ ठीक नहीं रहा। क्योंकि, साल की शुरूआती महीनों में ही कोर्ट ने सभी टेलिकॉम कंपनियों को 'एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू' (AGR) की रकम चुकाने के आदेश जारी कर दिए थे। इन आदेशों के बाद कई टेलिकॉम कंपनियों की मुश्किलें काफी बढ़ गईं थीं। क्योंकि, इन कंपनियों के AGR की रकम कई ज्यादा थी। वहीं, अब इन कंपनियों की मुश्किल 10 साल के लिए टलती नजर आ रही हैं। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने AGR की बकाया रकम के भुगतान को लेकर टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत की खबर सुनाई है।

AGR की रकम को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला :

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आज टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए AGR की बकाया रकम के भुगतान को चुकाने के लिए 10 साल का समय दे दिया है। हालांकि, कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि, कंपनियों को AGR की बकाया रकम का 10% भुगतान दी गई समय सीमा के अंदर करना होगा। बाकि की रकम के लिए उनके पास 10 साल का समय है। बता दें, कोर्ट ने भुगतान की बकाया रकम का 10% भुगतान करने के लिए 31 मार्च 2021 तक की समय सीमा निर्धारित की है। सभी उन कंपनियों को जिनके AGR की रकम शेष बची है उन्हें अपने कुल बकाये का 10% भुगतान करना होगा।

जस्टिस अरुण मिश्रा की की पीठ ने सुनाया फैसला :

बताते चलें, इस मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस अरुण मिश्रा 2 सितंबर को रिटायर हो जाएंगे। इसलिए इस मामले में अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 1 सितम्बर (मंगलवार) को ही फैसला सुनाते हुए कहा कि, "टेलिकॉम कंपनियों की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की रकम लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये है। उन्हें 31 मार्च 2021 तक अपने कुल बकाया का 10% चुकाना होगा। इसके अलावा बची शेष राशि का भुगतान करने के लिए टेलिकॉम कंपनियों के पास 31 मार्च, 2031 यानि 10 साल का समय है। कंपनियां यह रकम इस समय में किस्तों में चुका सकती हैं।"

इन कंपनियों को मिली बड़ी राहत :

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से Vodafone Idea, Bharti Airtel, टाटा टेलीसर्विसेज जैसी दूरसंचार कंपनियों को बड़ी राहत मिली है। क्योंकि, AGR की सबसे ज्यादा रकम Vodafone Idea कंपनी की है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने फैसला सुनते हुए यह भी बताया है कि, कंपनियों को यह राहत कोरोना से बने हालातों को मद्देनजर रखते हुए दी गई है। यदि कंपनियां 10 साल की अवधि में भी AGR की बकाया रकम का भुगतान नहीं कर सकी तो, इनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

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