राज एक्सप्रेस। वित्त विधेयक 2023 में संशोधन होने के बाद एक अप्रैल से लोन, सोना और विदेशी इक्विटी म्युचुअल फंड से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और इंडेक्सेशन बेनीफिट को खत्म कर दिया है। इस बदलाव से डेट म्यूचुअल फंड में एसआईपी करने वाले निवेशकों के लिए थोड़ी कठिनाई पैदा हो गई है। टैक्स एक्सपर्ट की राय है कि एसआईपी निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, अगले सप्ताह होने वाली बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है। इसका उन्हें लाभ मिलेगा। निवेशकों के पास 31 मार्च से पहले डेट म्युचुअल फंड्स में निवेश करने का मौका है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) पर मिल रहा टैक्स बेनिफिट 1 अप्रैल 2023 से नहीं मिलेगा। हालांकि, 31 मार्च तक के निवेश करने पर यह लाभ निवेशकों को मिल सकता है। एलटीसीजी को बेनेफिट से बाहर किए जाने पर पुराने निवेशकों को हड़बड़ाकर यूनिट्स बेचने की जरूरत नहीं रह जाएगी। रिजर्व बैंक एक और बार रेपो रेट बढ़ा सकता है। उसके बाद डेट फंड्स काफी आकर्षक हो जाएंगे। ऐसे में अगर किसी निवेशक की योजना डेट फंड्स में बने रहने की है, तो वे एडीशन्स यूनिट्स 31 मार्च तक खरीद सकते हैं।
डेट फंड्स के निवेशकों को इंडेक्सेशन का लाभ मिलता था। 3 साल बाद जब यूनिट्स को रिडीम किया जाता था, तब इंडेक्सेशन बेनिफिट्स के साथ 20 फीसदी का टैक्स लगता था। अब नई स्थिति में निवेशकों को इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा। इंडेक्सेशन का लाभ पाने के लिए 31 मार्च से पहले डेट म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है। वित्त विधेयक 2023 में संशोधन एक अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि 31 मार्च 2023 तक इन डेट म्यूचुअल फंड्स में किए गए निवेश को मौजूदा एलटीसीजी टैक्सेशन व्यवस्था का लाभ मिलेगा। 31 मार्च 2023 तक आयकर कानून होल्डिंग टेन्योर के आधार पर इन डेट म्यूचुअल फंड स्कीम्स के टैक्सेशन की अनुमति देते हैं।
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