BBC डॉक्यूमेंट्री के शेयर हुए सभी ट्वीट ब्लॉक
BBC डॉक्यूमेंट्री के शेयर हुए सभी ट्वीट ब्लॉक  Social Media
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YouTube से वीडियो हटाने के बाद BBC डॉक्यूमेंट्री के शेयर हुए सभी ट्वीट ब्लॉक

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। जब भी देश में कोई मुद्दा बड़ा रूप लेता है तो उसका असर सबसे पहले माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter पर देखने को मिल जाता है। क्योंकि, उस मुद्दे को लेकर कई तरह के हैशटैग या उससे संबंधित खबरें ट्रेंड होना शुरू हो जाती है। ऐसे में कई फेक खबरे भी सामने आने लगती है। जिससे लोगों की भावनाएं आहत होती है। इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार द्वारा Twitter को निर्देश दिए जाते हैं कि, वह या तो उन ट्वीट को हटा दें, या अकाउंट ब्लॉक करवाएं। इस मामले में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गई शिकायत पर Twitter एक्शन लेता है। वहीँ, अब BBC डॉक्यूमेंट्री को शेयर करने वाले सभी ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश जारी किए गए हैं।

BBC डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक :

दरअसल, जब भी कोई मोबाईल एप्लीकेशन या प्लटफॉर्म को लांच किया जाता है। तभी यह निर्धारित कर दिया जाता है कि, उसके द्वारा की गई किसी भी गलती के लिए सरकार उसके यूजर्स के पोस्ट डिलीट करवा सकती है। वहीं, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय के आदेश पर बहुचर्चित माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter ने शनिवार को चर्चा में चल रही BBC डॉक्यूमेंट्री से जुड़े सभी ट्वीट ब्लॉक करने के आदेश दिए है। बता दें, यह BBC डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगों पर बनी है। इसलिए इससे जुड़े ट्वीट ब्लॉक किय गए। जबकि, इससे पहले ही YouTube से इस BBC डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड शेयर करने के बाद ही ब्लॉक कर दिया गया था।

क्या है पूरा मामला ?

बताते चलें, बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ नाम की एक डाक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है। जो दो भाग में है। इस सीरीज में गुजरात में हुए साल 2002 के दंगों पर आधारित कहानी दिखाई गई है। यह वह समय था जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। इस डॉक्यूमेंट्री के सामने आने के बाद सरकार ने डॉक्यूमेंट्री को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि, बीबीसी की ओर से इस डाक्यूमेंट्री सीरीज को भारत में उपलब्ध नहीं कराया गया था, लेकिन कुछ YouTube चैनलों ने भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए इसे अपलोड किया है।'

जांच के बात लिया गया फैसला :

खबरों की मानें तो, YouTube को निर्देश दिए गये थे कि, अगर वीडियो को फिर से उसके प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया तो उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। बता दें, यह ब्लॉक करने वाला फैसला कई मंत्रालयों के शीर्ष सरकारी अधिकारियों द्वारा डाक्यूमेंट्री की जांच करने के बाद लिया गया था। क्योंकि, इस डाक्यूमेंट्री में पाया गया कि, 'यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार और विश्वसनीयता पर आक्षेप लगाने और विभिन्न भारतीय समुदायों के बीच विभाजन बोने का प्रयास है।'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया :

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि, 'यह एक गलत आख्यान को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है। यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडा के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। स्पष्ट तौर पर वह ऐसे प्रयासों को महत्व नहीं देना चाहते।

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