Narayan Murthi With Nikhil kamat
Narayan Murthi With Nikhil kamat Raj Express
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इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट समय पर पूरे हों, इसके लिए रोजाना एक की जगह 3 शिफ्ट में काम करना जरूरी

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • जिरोधा के सह संस्थापक निखिल कामथ से चर्चा में दिया यह सुझाव

  • बेंगलुरू में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की संख्या बढ़ाने पर भी दिया जोर

  • उन्होंने पहले दिया था सप्ताह में 70 घंटे काम करने का विवादित सुझाव

राज एक्सप्रेस। सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह देने के बाद इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एक और सलाह दी है, जिस पर विवाद होना तय है। उन्होंने कहा कि सरकार को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूरा करने की जरूरत है। उन्होंने जोर दिया कि इंफ्रा सेक्टर को एक के बजाय तीन शिफ्ट में काम करना चाहिए। बता दें कि प्रख्यात कारोबारी नारायण मूर्ति ने यह टिप्पणी बेंगलुरु टेक समिट में ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अगले 5-10 सालों में बेंगलुरू के विकास पर बातचीत के दौरान की।

प्रतिभा संसाधन बढ़ाने को अधिक अंग्रेजी स्कूल खोलें

उन्होंने तेजी से बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा, शहर की प्रगति के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की संख्या बढ़ाने और सरकारी निर्णय तेज गति से लिए जाने पर भी जोर दिया। भारत के सॉफ्टवेयर निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले बेंगलुरु को स्थानीय रोजगार की सीमा के कारण प्रतिभा तलाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। नारायण मूर्ति ने प्रतिभा संसाधनों को बढ़ाने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना का सुझाव दिया। बुनियादी ढांचे के संबंध में बातचीत करते हुए उन्होंने सरकार से बेंगलुरु मेट्रो जैसी परियोजनाओं में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा इंफ्रा सेक्टर में काम करने वाले लोगों को तीन-शिफ्ट में काम करने की आवश्यकता है। तभी विकास परियोजनाओॆं को समय पर पूरा किया जा सकेगा।

एक शिफ्ट में काम करने से काम नहीं चलेगा

उन्होंने कहा कि ढांचागत परियोजनाओं में काम करने वाले लोगों को तीन शिफ्ट में काम करना चाहिए। केवल एक शिफ्ट में काम करने से काम नहीं चलेगा। इंफ्रा प्रोजेक्ट मे्ं काम करने वाले लोग सुबह आते हैं और शाम को चले जाते हैं। उन्होंने कहा लेकिन उच्च आकांक्षाओं वाले अन्य देशों में लोग दो पालियों में काम करते हैं। मैं जब विदेश में होता हूं तो आधी रात को लौटते समय देखता हूं कि लोग काम कर रहे हैं। नारायण मूर्ति ने कहा कि तीन शिफ्ट अगर ज्यादा लगें, तो इसे दो शिफ्टों में बदला जा सकता है। लेकिन यह तय है कि यदि हम अपने लक्ष्यों को निर्धारित समय में पूरा करना चाहते हैं तो हमें ज्यादा मेहनत करनी होगी। नारायण मूर्ति ने कहा कम से कम इलेक्ट्रॉनिक सिटी में मैं यही देखता हूं, हालांकि यह भी हो सकता है कि मैनें जो सुझाव दिया है, वह पूरी तरह गलत हो।

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