Train ticket fees charged from workers in Karnataka
Train ticket fees charged from workers in Karnataka Kavita Singh Rathore -RE
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कर्नाटक से जाने वाले श्रमिकों से लिया गया ट्रेन टिकट शुल्क

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में बहुत से श्रमिक घरों से दूर फसे हुए है। जिन्हें सरकार द्वारा उनके घर पहुंचाने का जिम्मा उठाया गया है। वहीं, सरकार यह कार्य कर तो रही है, परन्तु उसके बदले उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं। ऐसी ही खबर बेंगलुरु (कर्नाटक) से सामने आई है। दरअसल, बेंगलुरु से उत्तर प्रदेश जाने वाले करीब एक हजार इक्कीस प्रवासी श्रमिकों से यात्रा के लिए कथित तौर पर 800 से 1,000 रुपये तक किराया लिया गया है। इस बारे में जानकारी एक श्रमिक से बात करने पर सामने आई।

मीडिया संयुक्त सचिव का बयान :

स्वास्थ्य मंत्रालय में मीडिया संयुक्त सचिव के एक बयान में लव अग्रवाल ने कहा था कि, “विशेष मामलों के लिए राज्यों से दिए गए अनुरोध के आधार पर, विशेष ट्रेनें चलाने की अनुमति दी गई थी। भारत सरकार हो या रेलवे, हमने श्रमिकों से शुल्क लेने की बात नहीं की है। परिवहन लागत का 80% रेलवे द्वारा वहन किया जाता है, जबकि राज्यों को लागत का 15% वहन करना पड़ता है।”

श्रमिकों ने बताया :

आजमगढ़ के निवासी दिनेश यादव (श्रमिक) ने बताया कि, “पुलिस विभाग ने हमारे घरों के सामने हमें टिकट दिया और हमसे 1,000 रुपये लिए और हमें चिक्काबनवारा रेलवे स्टेशन पर बसों में उतार दिया। यह सुबह 11 बजे से 12 बजे के बीच की बात है। यहां पहुंचने के बाद, हमें ट्रेन का टिकट भी मिल गया।” बताते चलें, इसी प्रकार कई श्रमिकों से बात करने पर भी यही बयान सामने आया।

श्रमिकों का बयान BJP के दावों के विपरीत :

प्रवासी श्रमिकों जो बयान दिया वह केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दावों के एक दम विपरीत था। BJP सरकार का दावा था कि, सरकारें श्रमिकों के टिकट की लागत वहन करेंगी।

IAS अधिकारी ने बताया :

कर्नाटक के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उन्हें ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है। उन्होंने आगे कहा कि, “हमारे पास न तो संघ सरकार का कोई निर्देश है और न ही इस आशय का कोई निर्णय राज्य सरकार द्वारा किया गया है। ऐसे में, यात्रियों को भुगतान करना होगा, जो कि उनके पास है।"

नोडल अधिकारी के अनुसार :

कर्नाटक से अंतर्राज्य यात्रा नोडल अधिकारी एन. मंजुनाथ प्रसाद के अनुसार, "सरकार ने किराया संबंधी कोई निर्देश नहीं दिए हैं। इसलिए, यात्रियों को किराया देना होगा।"

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