Nirmala Sitaraman
Nirmala Sitaraman Raj Express
व्यापार

कोरोना के दिनों में बढ़े कर्ज का बोझ हम अपनी अगली पीढ़ी पर नहीं डालेंगेः निर्मला सीतारमण

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • देश में बढ़ रहे कर्ज को खत्म करने के लिए सरकार ने शुरू किया कई उपायों पर काम

  • कर्ज लेने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन उसका उपयोग हमेशा जिम्मेदारी से होना चाहिए

  • वित्तमंत्रालय के अनुसार मार्च 2023 तक देश पर 624.7 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज था

राज एक्सप्रेस। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना काल के बाद के दो सालों में देश पर बढ़े कर्ज को चुकाने का बोझ अगली पीढ़ी पर नहीं डालेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा उनकी सरकार राजकोषीय घाटा प्रबंधन को लेकर बहुत ही गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार कोशिश कर रही है कि कर्ज चुकाने का बोझ अगली पीढ़ी पर नहीं पड़े। उन्होंने कहा हम कई ऐसे उपायों पर गंभीरता से काम कर रहे हैं, जिससे कर्ज को आगे चल कर कम किया जा सके।

निर्मला सीतारमण ने कहा हम राजकोषीय स्थिरता लाने को लेकर बेहद गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रबंधन को लेकर हमारे हर फैसले में यह चिंता शामिल है कि इसका भविष्य की पीढ़ी पर कोई बोझ न पड़े। यह आसान उपाय है कि जमकर कर्ज लीजिए और उसका बोझ आने वाली पीढ़ी पर डाल दीजिए। लेकिन एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हम ऐसा नहीं करेंगे। यह भी महत्वपूर्ण बात है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत पर कर्ज का बोझ अधिक नहीं है।

हम दूसरे देशों में कर्ज के स्तर का अध्ययन कर रहे हैं और यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे अपने कर्जों का प्रबंधन किस प्रकार से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की विकास की जरूरतों को देखते हुए बाहर से कर्ज लिया जा सकता है, लेकिन उसका उपयोग हमेशा जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सबसे ज्यादा कर्ज कोरोना महामारी के पहले साल 2020-21 में लेना पड़ा। कोरोना काल में हमने जो कर्ज लिया था उसका इस्तेमाल जनता के हाथ में सीधे पैसा देने की जगह हमने एक-एक पैसे का इस्तेमाल सार्वजनिक संपत्ति स्थापित करने में किया, ताकि इस कर्ज का बेहतर उपयोग हो सके।

उल्लेखनीय है कि मार्च, 2023 तक भारत कुल 624.7 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज था। सितंबर, 2023 में वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। पिछले वित्त वर्ष विदेशी कर्जे में सिर्फ 0.9 फीसद की वृद्धि हुई। कुल जीडीपी के मुकाबले विदेशी कर्ज का स्तर मार्च, 2022 में 20 फीसदी के करीब था, जो अब घट कर 18.9 फीसदी हो गया है। जून, 2023 में कुल विदेशी कर्ज 629 अरब डॉलर रहा।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT