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क्या है MCLR, हाल ही में इन बैंकों ने बढाई MCLR की दर, महंगे हुए लोन

Kavita Singh Rathore

Bank MCLR : हर किसी का सपना होता है कि, दिवाली जैसे शुभ त्योहार पर लोग घर या वाहन ख़रीदे। यदि आप भी उनमें से हैं और लोन लेने का मन बना रहे हैं तो, यह खबर आपको निराश कर सकती है। क्योंकि, एक साथ कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को झटका दे दिया है। क्योंकि, इन सभी बैंकों ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) बढ़ा दी है ,जिससे सभी तरह के लोन (Loan) लेना अब महंगा होने वाला है।

कई बैंकों ने बढ़ाई MCLR की दर :

दरअसल, दिवाली से ठीक 5 दिन पहले देश के कई बड़े बैंकों ने अपने ग्राहकों के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) बढ़ा दिया है। जिससे बैंक के ग्राहकों को बड़ा झटका लगा है। इन बैंकों में देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और प्राइवेट सेक्टर के कोटक महिंद्रा (Kotak Mahindra Bank) और फेडरल बैंक (Federal Bank) शामिल हैं। इस बढ़त के कारण अब इन बैंकों से कोई भी लोन (Loan) लेना महंगा पड़ेगा। चाहे वो होम लोन हो या कार लोन। साथ ही ग्राहकों पर ईएमआई (EMI) का भार भी बढ़ जाएगा। बता दें, देश में पहले से बढ़ी हुई महंगाई के बीच बैंकों के MCLR में बढ़ाने का फैसला लोगों को परेशान कर देने वाला हैं।

SBI की नई दरें :

SBI द्वारा एक साल की अवधि के लिए अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) की दरों में 0.25% की बढ़ोतरी कर दी गई है। इस प्रकार यह बढ़ाकर 7.95% हो गई है। हालांकि, SBI की नई दरें 15 अक्टूबर 2022 से लागू हो चुकी हैं। बता दें, SBI ने MCLR की दर एक साल की अवधि वाली वो दर है, जिससे ज्यादातर बैंक ग्राहकों के कर्ज जोड़े ही होते हैं। वहीं, बैंक ने

  • दो साल वाले MCLR को बढ़ाकर 7.90% से 8.15% कर दिया है।

  • तीन साल वाले MCLR को बढ़ाकर 8% से 8.25% कर दिया है।

Kotak Mahindra Bank ने दी इसकी जानकारी :

Kotak Mahindra Bank ने जानकारी देते हुए कहा है कि, 'विभिन्न अवधि के लिए MCLR की दरें 16 अक्टूबर 2022 से 7.70% से बढ़ाकर 8.95% कर दी गई हैं। वहीं, एक साल की अवधि वाले लोन पर बैंक ने ब्याज दर को बढ़ाकर 8.75% कर दिया है।'

Federal Bank नई दरें :

फेडरल बैंक (Federal Bank ) ने द्वारा MCLR की दरें 16 अक्टूबर से 8.70% बढ़ा दी गई हैं। इस प्रकार लोन और एडवांस पर एक साल की अवधि वाले MCLR में बदलाव किया गया है।

क्या है MCLR ?

जानकारी के लिए बता दें, किसी भी बैंक का 'मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट' (MCLR) उस बैंक की वो न्यूनतम दर कहलाती है। जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन (Loan Intrest Rate) देता है। चाहे वो कोई भी होम लोन हो, पर्सनल लोन हो या कार लोन। किसी भी बैंक द्वारा MCLR के बढ़ने का मतलब लोन महंगा करना हैं। इस बढ़त का सीधा असर कार, पर्सनल और होम लोन पर देखेने को मिलता है। क्योंकि, यह महंगे हो जाते है। साथ ही MCLR बढ़ने का असर ग्राहक द्वारा चुकाई जा रही लोन की ईएमआई बढ़ जाती है. नए लोन लेने वालों के लिए एमसीएलआर का बढ़ना अच्छा नहीं है, इससे उन्हें ज्यादा महंगा कर्ज मिलेगा, मौजूदा ग्राहकों के लिए लोन की EMI पर भी बढ़ता है। वह भी बढ़ जाती है और ग्राहकों को ज्यादा रकम का भुगतान करना पड़ता है।

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