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विंडफॉल टैक्स 4350 रुपए प्रति टन से बढ़कर 4400 रुपए प्रति टन, एटीएफ पर खत्म किया निर्यात शुल्क

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में मामूली वृद्धि कर दी है। सरकार ने विडफॉल टैक्स को 4350 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 4400 रुपए प्रति टन कर दिया है। जबकि, केंद्र सरकार ने डीजल पर इसे घटा दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर यह शुल्क हर पखवाड़े में संशोधित किया जाता है। एक मोटे अनुमान के अनुसार कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन और पेट्रोल, डीजल एवं एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के निर्यात पर विफॉल टैक्स लगाए जाने से चालू वित्त वर्ष में विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क से 25,000 करोड़ रुपए जुटाए जा सकेंगे।

डीजल पर निर्यात शुल्क घटाकर 0.5 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है। वहीं एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के लिए निर्यात शुल्क को समाप्त कर दिया गया। पेट्रोल के निर्यात विधिवत रूप से कोई शुल्क नहीं रहेगा। सरकार द्वारा लागू की गई नई दर 4 मार्च से लागू की जाएगी। केंद्र सरकार ने इससे पहले 1 जुलाई, 2022 को पेट्रोल और एटीएफ पर विडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगाया था। तब सरकार ने पेट्रोल पर 26 प्रति लीटर निर्यात टैक्स लगाया गया था। जबकि डीजल पर 213 प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया था। उस समय सरकार ने घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23.250 रुपए प्रति टन विडफॉल प्रॉफिट टैक्स भी लगाया गया था।

इससे पहले तेल कंपनियों को सरकार ने बड़ी राहत देते हुए 16 फरवरी को देश में उत्पादित कच्चे तेल, डीजल और एटीफ के निर्यात पर डिफॉल प्रॉफिट टैक्स में कटौती की थी। उस समय सरकार की तरफ से कहा गया था ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियां जो कच्चा तेल निकालेंगी। उस पर 5050 रुपये प्रति टन की बजाय 4350 रुपये प्रति टन का शुल्क देना होगा। 

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