हाइलाइट्स :
पूंजी जुटाने की प्रक्रिया जारी
दिसंबर तिमाही नतीजों में देरी संभव
बोलियों में यस बैंक को चार इन्वेस्टर्स की हां!
चार 'प्रमुख' निवेशकों से गैर-बाध्यकारी EoI की मंजूरी!
राज एक्सप्रेस। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूंजी मानदंडों का परिपालन करने यस बैंक (Yes Bank) ने कैपिटल सहेजने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। निजी क्षेत्र के ऋणदाता के मुताबिक उसे चार प्रमुख निवेशकों से गैर-बाध्यकारी EoI हासिल हुए हैं। गुरुवार को बैंक के शेयर्स में 7% का उछाल आया।
EoI का दावा :
ये गैर बाध्यकारी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI - Expression of interest) के हासिल होने की जानकारी को वित्तीय जानकारों ने बैंक के लिए बूस्टर रिचार्ज की तरह माना है। गुरुवार को यस बैंक के शेयर्स में 7% की वृद्धि हुई। सुबह 11:09 बजे यस बैंक लिमिटेड के शेयर्स बीएसई पर 6% की वृद्धि के साथ 37.30 अपीस (apiece) रहे, जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स 0.27% गिरकर 41,455.42 अंक रहा।
चर्चा का दौर :
यस बैंक ने बताया कि वर्तमान में वह वित्तीय सलाहकारों के साथ कुछ खास निवेशकों से मूल्य निर्धारण सहित वाणिज्यिक शर्तों पर चर्चा के दौर में है। बैंक ने एक नियामक फाइलिंग में बताया कि कई प्रमुख निवेशकों से उसे ईओआई मिले हैं।
इतने हैं खास :
इन प्रमुख निवेशकों में जे.सी. फ्लावर्स एंड कंपनी एलएलसी; टिल्डेन पार्क कैपिटल मैनेजमेंट एलपी; ओएचए (यूके) एलएलपी (ओक हिल एडवाइजर्स का हिस्सा); सिल्वर पॉइंट कैपिटल का नाम खास बताया जा रहा है।
देर न हो जाए :
यस बैंक की पूंजी जुटाने की प्रक्रिया के कारण दिसंबर तिमाही के वित्तीय परिणामों को 14 मार्च या उससे पहले प्रकाशित करने में विलंब हो सकता है। इसके कारण भी कुछ उतने ही खास माने जा सकते हैं।
रेटिंग प्रभावित :
इंडिया रेटिंग्स (Ind-Ra) ने बुधवार को रेटिंग को नकारात्मक बनाते हुए यस बैंक को 'ए-निगेटिव' कर दिया। Ind-Ra का मानना है कि निरंतर देरी बैंक की फ्रैंचाइज़ी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है और संभावित रूप से परिसंपत्ति और देयक पक्ष के मोर्चे पर चुनौतियां पैदा कर सकती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि, एजेंसी ने नोट किया है कि बैंक के पास विदेशी मुद्रा देयताएं और संस्थागत जमा हैं।
असाधारण समर्थन :
हाल ही में यस बैंक ने 7 फरवरी को असाधारण आम बैठक में, इक्विटी और डेब्ट के संयोजन के माध्यम से 10,000 करोड़ जुटाने के लिए शेयरधारकों से अनुमति प्राप्त की। शेयरधारकों ने बैंक की अधिकृत शेयर पूंजी 800 करोड़ से बढ़ाकर 1,100 करोड़ करने को भी मंजूरी दी है।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के कैपिटल नॉर्म्स के अनुरूप रहने निजी क्षेत्र के ऋणदाता ने पूँजी के लिए बहुत सख्त कदम उठाए हैं। हालांकि बैंक की पूंजी जुटाने की योजना में लगातार देरी हुई है और इसकी मात्रा को लेकर भी अनिश्चितता है।
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