अब तक 11 हजार 234 मिले संक्रमित, 8 की हुई मौत
अब तक 11 हजार 234 मिले संक्रमित, 8 की हुई मौत Syed Dabeer Hussain - RE
कोरोना वायरस

Gwalior : अब तक 11 हजार 234 मिले संक्रमित, 8 की हुई मौत

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोरोना की तीसरी लहर का अब तक का आंकलन करें तो वैक्सीनेट हो चुके शहर वासियों पर इसका कम ही असर हुआ है। जिले में तीसरी लहर में अब तक 11234 संक्रमित लोग मिल चुके हैं। इनमें से 8 लोगों की जान भी संक्रमण के चलते गई है। लेकिन जिन लोगों की मौत हुई है वह अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे। लेकिन राहत की बात यह है कि संक्रमण की चपेट में आए सिर्फ 203 संक्रमितों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरुरत पड़ी है। इनमें भी ज्यादातर लोग वह हैं जिन्होंने वैक्सीन में लापरवाही बरती है। अस्पताल में भर्ती इन मरीजों में से 22 ऐसे जिनको आईसीयू में भर्ती किया गया है। मतलब साफ है कि जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है उनको कोरोना की तीसरी लहर परेशानी नहीं कर पाई है।

अब प्रतिदिन 3600 आरटीपीसीआर टेस्ट करने का लक्ष्य :

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की दर कम होने पर रैपिड एंटीजन टेस्ट को लक्ष्य में शामिल नहीं करने के निर्देश दिए हैं। जीआरएमसी को हर दिन 3600 आरटीपीसीआर टेस्ट करने का लक्ष्य दिया गया है। स्वास्थ्य आयुक्त ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र भेजा है, जिसमें गजराराजा मेडिकल कॉलेज की लैब में हर दिन 3600 सैंपलों का आरटीपीसीआर टेस्ट करने का लक्ष्य दिया गया है, जबकि इससे अधिक सैंपल आने पर निजी एजेंसी से प्रति सैंपल 150 रुपए देकर जांच कराई जाएगी। दरअसल, अभी तक जिले में आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट को मिलाकर 3600 से अधिक सैंपलों की जांच हो रही थी, लेकिन अब केवल आरटीपीसीआर जांच के लिए लक्ष्य दिया गया है।

सैंपलिंग बढ़ी, लेकिन संक्रमण दर घटी :

जिले में रिकवरी रेट बढ़ी है और संक्रमण दर कम होती जा रही है। इन हालातों को अच्छा माना जा रहा है। पर इससे भी कहीं ज्यादा सुखद स्थिति यह है कि नए संक्रमित कम हो रहे हैं, लेकिन सैंपलिंग उतनी या पहले से ज्यादा हो रही है। हर दिन 3 हजार से 4 हजार सैंपल लिए जा रहे हैं। करीब 3600 सैंपल की रिपोर्ट प्रतिदिन आ रही है। इसमें 6 फीसदी से भी कम संक्रमित निकल रहे हैं।

बच्चों से ज्यादा युवा हुए संक्रमित :

कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा संक्रमित युवा हुए हैं। संक्रमित होने वाले उम्र की बात करें तो कुल संक्रमित सदस्यों के 30 फीसदी संक्रमित 19 से 29 साल के युवा है। दूसरे नंबर पर 29 से 39 साल के युवा हैं। जिन आठ लोगों की मौत जिले में संक्रमण से हुई है। इनमें से 5 की उम्र 60 से अधिक है। 8 जान गंवाने वालों में से 5 ने प्रॉपर वैक्सीन ही नहीं लगवाई थी। यही लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ी है।

इनका कहना है :

प्रतिदिन 3600 आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के आदेश मिले हैं। करीब इतने टेस्ट हर रोज किए जा रहे हैं। पर राहत की बात है कि अब संक्रमित कम मिल रहे हैं। 95 फीसदी संक्रमित होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गए हैं। वैक्सीन में लापरवाही बरतने वालों को ही अस्पताल तक जाना पड़ा है।
डॉ.मनीष शर्मा, सीएमएचओ

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