1 मई को रतलाम में 325 पॉजिटिव केसेस
1 मई को रतलाम में 325 पॉजिटिव केसेस Syed Dabeer Hussain - RE
कोरोना वायरस

रतलाम में नागरिकों की लचर फ़ील्डिंग के चलते कोरोना ने लगाया तीहरा शतक

Author : Sunil Saraswat

हाइलाइट्स :

  • प्रशासन की सख़्ती के बावजूद ज़िले में लापरवाही का आलम

  • ज़िले में नहीं बन रहे है कंटेंटमेंट

  • होम आइसोलेशन वाले लोग भी नहीं कर रहे हैं गाइडलाइन का पालन

  • शहर को थकाकर कोरोना अब ग्रामीण में मचा रहा है घमासान

रतलाम, मध्यप्रदेश। कोरोना संक्रमण IPL की तर्ज़ पर लगातार लम्बी पारी खेलता जा रहा है। प्रशासन की सख़्ती का कोविड संक्रमण पर कोई असर नहीं पड़ पा रहा है। संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक फ़ील्डिंग प्रशासन ने लगाई ज़रूर है लेकिन लापरवाह नागरिक इसकी अनदेखी करते हुए महामारी के दौर में भी शादी, व्यापार में व्यस्त है। नतीजा कोरोना ने आज शनिवार को बहुत आसानी से तिहरा शतक लगा दिया।

पिछले वर्ष प्रशासन पर जमाने भर के आरोप लगाने वाले आज भी खुद सुधारने को तैयार नहीं है। पूरा दिन मास्क सोशल डिस्टेंसिंग आदि को नकार कोविड गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिसके चलते कोरोना संक्रमण बहुत आसानी से शहर के लगभग हर क्षेत्र में घर कर चुका है और अधिकांश मोहल्ले या कालोनियों से महामारी को शिकार मिला है।

पहले अस्पताल फिर इंजेक्शन बाद में आक्सीजन को लेकर हाहाकर मचाने वाले यह नहीं सोच रहे है, कि उनके भी कोई दायित्व है। लेकिन उनको सिर्फ़ अपने अधिकारों की चिंता हैं। भला हो उन समाजसेवियों का जो प्रशासन के साथ सहयोग कर डाक्टरों को भी संबल दे रहा है।

मक्कारी के आलाम की एक बानगी बता दूँ होम आइसोलेशन वाले एक घर से खबर आई कि कोई बाई की व्यवस्था करवा दो जबकि पुरा घर संक्रमित है। लेकिन बाई आए और उनका काम करे और संक्रमण कुछ रुपयों के साथ फ़्री ले जाए। ख़ैर धन्यवाद प्रशासन, डाक्टर और सभी संक्रमण रोकने में लगे साथियों का। लड़ाई अभी जारी है कोरोना शहर से ग्रामीण क्षेत्र की और तेज़ी से स्कोर में इज़ाफ़ा कर रहा है। नादानी भी वही अधिक है जहां उम्मीद नहीं थी कोरोना वहाँ भी पैर पसार चुका है। चिकित्सा सुविधा का अभाव का रोना बहुत आसन है आवश्यकता ग्रामीण नेताओ की तत्परता की है अभी भी समय है वरना यह संक्रमण रोकना मुश्किल होगा। अधिकारी कर्मचारी की बातों की अनदेखी भारी पड़ना शुरू हो चुकी है। आप अन्नदाता हो सब मानते है लेकिन यह संक्रमण जो जिसे पूरी दुनिया कोरोना के नाम से जानती है आपको नहीं पहचानता है। इसके शनिवार के तिहरे शतक में काफ़ी योगदान आपका भी है।

45 की उम्र वालों को टीका लगवाने में क्या दिक्कत आई यह तो सम्बंधित विभाग का अमला ही बता सकता है। लेकिन यहाँ भी ग्रामीण के जिम्मेदारों ने ठीक से इसको नहीं समझा नतीजा सामने है। सरकार या किसी को कोसने से भला यह रुक सकता तो फिर ना कोई बात नहीं अभी यह किसी भी दिन ब्रायन लारा के रिकार्ड को भी तोड़ देगा।

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