अब तक 42.6 प्रतिशत मरीज घर में रहकर कोविड-19 से जंग जीत चुके हैं
अब तक 42.6 प्रतिशत मरीज घर में रहकर कोविड-19 से जंग जीत चुके हैं सांकेतिक चित्र
कोरोना वायरस

इंदौर : अब तक 42.6 प्रतिशत मरीज घर में रहकर कोविड-19 से जंग जीत चुके हैं

Author : Mumtaz Khan

इंदौर, मध्य प्रदेश। इंदौर में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 रोगियों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है और अच्छी बात यह है कि जिन मरीजों को छुट्टी दी जा रही है, उनकी संख्या नए पॉजिटिव मरीजों से अधिक है। इसके अलावा, कई मरीज घर पर भी ठीक हो रहे हैं और उनके घर के अलगाव का भरोसा बढ़ रहा है। जब संख्याओं के माध्यम से जा रहे हैं, तो कुल रोगियों में से लगभग 42.63 प्रतिशत को होम आइसोलेशन में रखा गया था।

अब तक 29 हजार 938 में कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 12 हजार 764 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया जो 42 प्रतिशत से अधिक है। इसके अलावा, होम क्वारंटाइन में रखे गए 89.6 प्रतिशत मरीज सफलतापूर्वक कोरोना संक्रमण से जंग जीत चुके हैं।

होम आइसोलेशन में रहती 24 घंटे निगरानी :

होम आइसोलेशन स्कीम के सह-समन्वयक डॉ. भूपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इंदौर देश भर में एकमात्र शहर है, जिसके पास ऐप आधारित 24 घंटे की निगरानी के साथ होम आइसोलेशन की सुविधा है। होम आइसोलेशन की अवधारणा पहली बार इंदौर में शुरू हुई थी और हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव टेस्ट आने के बाद अधिकांश लोग घर से अलग-थलग रहने का विकल्प चुन रहे हैं। डॉ. शेखावत ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम मरीजों के संपर्क में रहती है और उन्हें दिन में दो बार वीडियो कॉल से जोड़ती है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें दवा भी देती है। टीम के समन्वयक डॉ. महेश खाचरिया ने बताया कि अभी तक 12 हजार 764 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया था, जिनमें से 11 हजार 436 को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 1000 मरीज अभी भी निगरानी में हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रमुख लक्षण विकसित होने के बाद हमें 50 से अधिक मरीजों का अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उन्होंने कहा कि लगभग 15 टीमें शिफ्ट में काम कर रही हैं जिसमें एक डॉक्टर और एक पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं। अगस्त में, होम आइसोलेशन में रखे गए लोगों का प्रतिशत 20 था जो अब बढ़कर 42 हो गया है।

103 वर्षीय बुजुर्ग ने भी घर मे जीती जंग :

केंद्र शासन की नई गाइड लाइन जाने होने के बाद कोविड-19 एसिम्पटोमेटिक पॉजिटिव यानि जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं थे, उन्हें तीन दिन अस्पताल में रखकर, घर में आइसोलेशन में रखा गया, तो उन्हें राहत मिली और तेजी से सुधार हुआ। वहीं होम आइसोलेशन में 103 साल के एक मरीज को भी रखा गया था और वो ठीक हो गए। इसी तरह एक 2 माह की बच्ची भी होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना से जंग जीत चुकी है।

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