लोकायुक्त की अदालत ने एएसपी दीपक ठाकुर के खिलाफ किया गिरफ्तारी वारंट जारी
लोकायुक्त की अदालत ने एएसपी दीपक ठाकुर के खिलाफ किया गिरफ्तारी वारंट जारी सांकेतिक चित्र
क्राइम एक्सप्रेस

लोकायुक्त की अदालत ने एएसपी दीपक ठाकुर के खिलाफ किया गिरफ्तारी वारंट जारी

Author : राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। अदालत में उपस्थित होने के लिए जारी किए गए नोटिस की तामीली के बावजूद अदालत में उपस्थित नहीं होने पर लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अमित रंजन समाधिया की अदालत ने एएसपी दीपक ठाकुर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। वहीं अदालत ने मामले के तीन सहआरोपी प्रधान आरक्षक इशरत परवीन, आरक्षक सौरव भट्ट और कांस्टेबल आरक्षक इंद्रपाल सिंह की जमानत अर्जी निरस्त कर उन्हें न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल भेज दिया। एएसपी दीपक ठाकुर की ओर से अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी। मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अमित रंजन समाधिया की अदालत में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पेश किया है चालान।

लोकायुक्त पुलिस अधिकारी नीलम पटवा ने बताया कि 2012 में फ रियादी गुलशन जौहर ने लोकायुक्त पुलिस में तत्कालीन साइबर सेल के डीएसपी दीपक ठाकुर, प्रधान आरक्षक ईशरत परवीन, आरक्षक सौरव भट्ट और आरक्षक इंद्रपाल सिंह के खिलाफ पद का दुरुपयोग करते हुए एक मामले में चालान पेश करने के लिए साढ़े तीन लाख रुपए की डिमांड करने की शिकायत थी। इस मामले में जांच के बाद चारों के खिलाफ 2015 में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले के अनुसार पुणे की रहने वाली गुलशन जौहर की बेटी अमेरिका में एक कंपनी जॉब करती थी। उनकी बेटी ने कंपनी का एक कैमरा जबलपुर में रहने वाले विक्रम राजपूत को ढाई लाख में सेल किया था। कैमरे में कुछ दिक्कत आने पर विक्रम ने कंपनी में कंप्लेंट की। बताया जा रहा है की कंप्लेंट प्रोसेस में थी इसी दौरान विक्रम ने भोपाल साइबर सेल में मां बेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने मां बेटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपियों की ओर से जेल में मां बेटी को बाहर निकालने और जल्द मामले में चालान पेश करने के लिए साढ़े तीन लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई। हाल ही में रिटायर्ड हुई लोकायुक्त की डीएसपी साधना सिंह ने इस मामले की जांच की थी। लेकिन रिटायर होने की वजह से नीलम पटवा ने इस मामले का चालान अदालत में पेश किया है। लोकायुक्त पुलिस ने परिस्थितिजन साक्ष्य के आधार पर पाया कि दीपक ठाकुर और चारों पुलिसकर्मियों ने पद का दुरुपयोग कर साढ़े तीन लाख रुपयों की डिमांड की। साढ़े तीन लाख रुपए का चेक को कैश कराने के लिए मां-बेटी के रिश्तेदार भोपाल की जिस बैंक में गए थे उस समय 2 कॉन्स्टेबल की लोकेशन बैंक के पास मिली। यह कॉन्स्टेबल दीपक ठाकुर के इशारे पर उस राशि को लेने के लिए गए थे।

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