फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाला पकड़ा, 34 कार्ड बरामद
फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाला पकड़ा, 34 कार्ड बरामद Raj Express
क्राइम एक्सप्रेस

Gwalior : फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाला पकड़ा, 34 कार्ड बरामद

Author : राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • 5 हजार रुपए में तैयार कर देता था फर्जी आयुष्मान कार्ड

  • आयुष्मान विभाग में कार्यरत भाई की आईडी पर बना रहा था कार्ड

  • जेएएच अधीक्षक ने पुलिस को किया सुपुर्द

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने एक फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले युवक को पकड़ा है। वह 5 हजार रूपये में फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार कर देता था। पकड़े गए युवक को अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने पुलिस के हवाले कर दिया है। अब पुलिस पूछताछ कर इस फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले रैकेट तक पहुंचने में जुट गई है।

हनुमान नगर, गोले का मंदिर निवासी कृष्णा कुशवाह पिता भागीरथ कुशवाह की मुलाकात आमखो निवासी राजकुमार राजपूत से हुई। राजकुमार का नाम आयुष्मान कार्ड की लिस्ट में नहीं था। इसलिए उनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना रहा था। आयुष्मान केन्द्र के बाहर रामकुमार की मुलाकात कृष्णा से हुई। उसने राजकुमार से कहा आप 5 हजार रुपए दो मैं आपका आयुष्मान कार्ड बनवाकर दूंगा। रामकुमार को शक हुआ तो उसने इसकी शिकायत अपने मित्र जेएएच के आयुष्मान केन्द्र प्रभारी योगेन्द्र परमार से की। इस पर योगेन्द्र सक्रिय हो गए और कृष्णा से आयुष्मान कार्ड बनवा के लिए हां बोल दिया। जब मंगलवार को कृष्णा अपने दोस्त भानू कौरव के साथ रामकुमार को आयुष्मान कार्ड देने आया तो उसे योगेन्द्र परमार ने योजना बनाकर पकड़ लिया और जेएएच अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ के हवाले कर दिया। अधीक्षक ने तत्काल इसकी जानकारी कम्पू थाना पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही कम्पू थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और पूछताछ के बाद कृष्णा और भानू को अपने साथ ले गई। उससे 34 फर्जी आयुष्मान कार्ड बरामद हुए हैं।

फर्जी आयुष्मान कार्ड के साथ पकड़ा गया युवक।

कृष्णा ने यह बताया पूछताछ में :

पुलिस पूछताछ में कृष्णा ने बताया कि वह अपने भाई बलराम जो आयुष्मान विभाग कार्यरत है। उसकी आईडी 465672610047 से वह आयुष्मान कार्ड बनाने का काम करता है। जब कोई मरीज उससे आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कहता था तो उसके नाम जैसा नाम समग्र आईडी में देखकर उसी आईडी के नाम से आयुष्मान कार्ड बना देता था। इसके बदले में 5 हजार रूपये वसूलता था।

पकड़े गए युवक से पूछताछ करती पुलिस।

गैंग सक्रिय होने का एक कारण यह भी :

आयुष्मान कार्ड के नोडल अफसर डॉ.अक्षय निगम हैं, लेकिन वे शिवपुरी मेडिकल कालेज में भी डीन का काम देख रहे हैं और जेएएच में नोडल अफसर बने हुए हैं। एक साथ दो चार्ज ले रखे हैं। ऐसे में जेएएच में आयुष्मान कार्ड की मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही है।

फरवरी में पकड़े थे फर्जी कर्मचारी :

जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने 26 फरवरी 2021 को माधव डिस्पेंसरी के निरीक्षण के दौरान दो युवकों को पकड़ा था। वह फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर वहां नौकरी कर रहे थे। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम राजस्थान भरतपुर निवासी अजीत सिंह लोधी और तारागंज निवासी मोहित कुमार बताया था। उन्हें भी पुलिस के हवाले किया गया था।

शासन की योजनाओं को पलीता :

ऐसे लोग शासन की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को पलीता लगा रहे हैं। जिन्हें आवश्यकता है, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि लोग अपने स्वार्थ के चलते फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर निजी अस्पतालों को लाभ पहुंचाने में लगे हैं। जिनका नाम लिस्ट में उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाता।

कृष्णा से यह समान बरामद :

पुलिस ने पड़ताल में कृष्णा से 34 आयुष्मान कार्ड, एक लैपटॉप, मोबाइल और फिंगर प्रिंट स्कैनर बरामद किया है। अब पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले रैकेट तक पहुंचने में जुट गई है।

युवक से जब्त फर्जी आयुष्मान कार्ड।

इनका कहना :

हां, एक फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले को पकड़ा है। उससे 34 आयुष्मान कार्ड पुलिस ने बरामद किए हैं। हमने युवक को पुलिस के हवाले सौंप दिया है। आगे की कार्रवाई अब पुलिस करेगी।
डॉ. देवेन्द्र कुशवाह, जनसम्पर्क अधिकारी, जेएएच
मेरे लिवर और ब्लड में इंफेक्शन है। मुझे अस्पताल के चिकित्सकों ने आयुष्मान योजना के तहत भर्ती होने की सलाह दी। जब मैंने अपना नाम आयुष्मान योजना की लिस्ट में चैक कराया तो उसमें मेरा नाम नहीं आया। तभी मेरा सम्पर्क कृष्णा से हुआ। उसने कहा पांच हजार रूपये में मैं अपका आयुष्मान कार्ड बना दूंगा। वहीं देने के लिए आज यह आया था। तभी मैंने इसे अपने साथी की सहायता से पकड़वा दिया।
रामकुमार राजपूत, मरीज (जिससे सौदा तय हुआ।)

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