इंदौर देह व्यापार मामला
इंदौर देह व्यापार मामला सांकेतिक चित्र
क्राइम एक्सप्रेस

देह व्यापार मामला : एक ही दिन में कई ग्राहकों को खुश करना पड़ता था

Pradeep Chauhan

इंदौर, मध्यप्रदेश। बांग्लादेशी बालाओं से जिस्म फरोशी के कारोबार का भंडाफोड़ होने से पूरे देश में तहलका मचा हुआ है। रिमांड पर आरोपी नए-नए राज उजागर कर रहे हैं। बालाओं पर जुल्म ढाने के साथ ही उनसे पैसा कमाने के लिए उन्हें एक ही दिन में कई ग्राहकों को खुश करना पड़ता था। इस काम के लिए तैयार करने के लिए उन्हें ट्रैनिंग देने के साथ ही उनका ब्रेन वाश कर दिया जाता था। ज्यादा ग्राहकों से उनके जिस्म की कमाई खाने के लिए उन्हें नशीली दवाएं, ड्रग्स तो दिए जाते थे ऐसे इंजेक्शन भी लगाए जाते थे जिससे उनकी स्किन सुन्न हो जाती थी। सरगना के नकली आधार कार्ड और पासपोर्ट भी मुंबई के फ्लेट से बरामद कर लिए गए हैं, ये आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत हैं। इस सनसनीखेज जिस्मफरोशी के कारोबार की कितनी सच्चाई सामने आई हैं और कितनी अभी छिपी हुई इस बात का अंदाजा भी लगाना मुश्किल है।

कौन करता था बांग्ला बालाओं का ब्रेन वाश :

पकड़े गए दलालों के साथ ही उनकी पत्नियां भी इस गोरखधंधे में शामिल रहीं है। ये तो बांग्ला बालाओं का इस तरह ब्रेन वाश कर देती थी कि उनके सामने काल गर्ल बनने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचता था। वे बार-बार उन्हें इस तरह से डराती थी कि तुम अब बांग्लादेश से भारत में आ गई हो और यदि तुम्हें अपने घर वापस जाना है तो जो हम कह रहे हैं वह करना ही पड़ेगा। घर जाने की चाह में ये मजबूर बालाएं जिस्म बेचने के लिए तैयार हो जाती थी।

विजयनगर टीआई तहजीब काजी के मुताबिक रैकेट में पकड़ी गई दीपा जियाउल शेख की पत्नी है। जियाउल शेख बांग्लादेश में गैंग का दलाल है। अकीजा गैंग सरगना विजय दत्त उर्फ मोमिनुल की गर्लफ्रेंड है। गैंग का जिस्म फरोशी का कारोबार इंदौर में रजनी और नेहा के जिम्मे था। अकीजा और दीपा बांग्लादेशी बालाओं का ब्रेन वाश कर देती थी, उन्हें हथियार डालना ही पड़ते थे। उसके बाद गैंग इनसे लाखों रुपए कमाती थी। इसमें कई दलालों का हिस्सा होता था। इसके बदले बांग्ला बालाओं के हाथ में कुछ ही रकम हाथ आती थी और दलालों की जेबें गर्म हो जाती थीं।

कैसे तैयार की जाती थी हाई सोसायटी काल गर्ल :

गैंग का सरगना विजय दत्त उर्फ मोमिनुल बेहद शातिर है, वह इमो एप से बांग्लादेश कालिंग करता था जिसके कारण उसकी काल डिटेल एजेंसियां नहीं निकाल पाती थीं। इस तरह वह बिना उजागर हुए अपना काला कारोबार चलता रहता था। उसने पूछताछ में ये भी बताया कि जब बांग्ला बालाएं भारत पहुंचती थी तब दलालों की पत्नियां, गर्ल फ्रेंड्स उन्हें हाई सोसायटी की काल गर्ल के नाज नखरे एवं ड्रेस पहनने की ट्रैनिंग देती थीं। यदि कोई इसमें नखरे करती थी तो उस पर जो जुल्म ढहाए जाते थे उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। ब्रेन वाश करने के साथ ही उन्हें ड्रग्स और नशीली दवाएं भी दी जाती थीं। एक बाला को एक दिन में कई ग्राहकों के पास भेजा जाता था। ये सब इसलिए किया जाता था कि बांग्लादेश से लाई इन बालाओं के बदले जो पैसा दलालों को चुकाया जाता था इसकी जल्द से जल्द वसूली हो सके। कई दिनों तक इनसे पैसा कमाने के बाद इन्हें दूसरे दलालों को भी बेच दिया जाता था। बालाओं से ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में इन्हें स्किन सुन्न करने के इंजेक्शन भी दिए जाते हैं जो आम तौर पर दर्द, जलन या खुजली से परेशान मरीजों के उपयोग में आते हैं।

इंदौर पुलिस टीम ने मुंबई पहुंचकर की छानबीन :

गैंग के सरगना विजय दत्त उर्फ मोमिनुल और बबलू को लेकर इंदौर पुलिस टीम मुंबई रवाना हुई थी। रविवार को टीम ने सरगना के फ्लैट पर छापा मारकर फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट जब्त किया है। सरगना ने नाम बदलकर ये बनवाए थे वह बांग्लादेशी था और इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने आपको भारत का नागरिक बताता था। पूछताछ में ये भी पता चला था कि सरगना बांग्लाबालाओं को नाला सुपारा में इन्हें छिपाता था, उन ठिकानों पर भी टीम ने पड़ताल की है। टीम के इंदौर लौटने पर भी कुछ नए खुलासे होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि हजारों बांग्ला बालाओं को जिस्म फरोशी के कारोबार में धकेलने वाली गैंग का खुलासा होने के बाद गैंग सरगना के साथ ही उज्जवल ठाकुर, प्रमोद पाटीदार, बबलू उर्फ पलास सरकार, दीपा शेख एवं अकीजा रिमांड पर हैं और उनसे पूछताछ में कई रहस्य सामने आ रहे हैं।

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