पत्थलगांव घटना फॉलोअप
पत्थलगांव घटना फॉलोअप Prem Gupta
क्राइम एक्सप्रेस

पत्थलगांव घटना : सिंगरौली में गांजे के अवैध कारोबार में लिप्त आरोपियों के यहां छापा

Prem N Gupta

सिंगरौली, मध्यप्रदेश। छत्तीसगढ़ के जशपुर में आयोजित मां दुर्गा के चल समारोह में शामिल श्रद्धालुओं को वाहन से रौंदने वाले जिले के गांजा तस्करों के घर सिंगरौली पुलिस ने सर्चिंग शुरू कर दी है। अभी तक चली सर्चिंग के दौरान गांजा तस्करों के घर में कुछ विशेष नहीं मिला है। हालांकि पुलिस फिर भी सक्रियता जांच शुरू कर दी है। वहीं कुछ थानेदारों को छत्तीसगढ़ जशपुर मौके पर आरोपियों से पूछताछ करने के लिए भेजा गया है। जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव थाना क्षेत्र से होकर सिंगरौली के दो गांजा तस्कर बबलू विश्वकर्मा उम्र 21 वर्ष व शिशुपाल साहू उम्र 26 वर्ष गांजा की बड़ी खेप लेकर रवाना हुए थे। तस्करों का चार पहिया वाहन तेज रफ्तार था और इस दौरान दुर्गा विसर्जन करने जा रहे श्रद्धालुओं को बिना कारण ऐसा रौंदा की एक युवक की मौके पर मौत हो गई। जबकि 20 श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं। गुस्साई भीड़ ने तस्करों के वाहन को आग के हवाले कर दिया। हालांकि जशपुर पुलिस ने गांजा तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन दिल दहलाने वाली इस घटना से न केवल छत्तीसगढ़ जशपुर पुलिस की किरकिरी हो रही है बल्कि सिंगरौली पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है।

पहले भी आरोपियों के खिलाफ दर्ज हैं कई गंभीर अपराध :

एसपी बीरेन्द्र सिंह ने बताया है कि जशपुर घटना में शामिल गांजा तस्करों के खिलाफ पूर्व में जिले के बरगवां व नवानगर थाने में अपराध दर्ज है। बबलू विश्वकर्मा पिता स्व. राधेश्याम विश्वकर्मा उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम अमिलिया मूल निवासी थाना सासन टूसा का रहने वाला है। बचपन में पिता की मौत के बाद से आरोपी अपने ननिहाल अमिलिया में रहता है। आरोपी बबलू विश्वकर्मा के खिलाफ वर्ष 2020 में नवानगर थाने में 363 व 376 का अपराध दर्ज हुआ है। वहीं बरगवां निवासी आरोपी शिशुपाल साहू पिता रामजन्म साहू उम्र 26 वर्ष के खिलाफ वर्ष 2016 में बरगवां थाने में दहेज प्रताडऩा व अवैध डीजल बिक्री करने का मामला दर्ज किया गया था।

आखिर तस्करों को संरक्षण क्यों देती है जिले की पुलिस?

खुद को साफ-सुथरा छवि का दावा करने वाली सिंगरौली पुलिस का हाथ अवैध कारोबार में सराबोर है। जशपुर की घटना इसका ताजा उदाहरण है। बरगवां व बंधौरा के कारोबारी गांजा की खेप लेने गए थे। यह सब पुलिस के संज्ञान में रहता है। कारोबारियों को जिले की पुलिस पूरा बढ़ावा देती है। इसलिए यहां के थाना क्षेत्रों में अवैध कारोबार को कारोबारी धड़ल्ले से अंजाम दे रहे हैं। गांजा व हेरोइन तस्कर बाहर से खेप लाकर यहां जिले में बिक्री करते हैं। इसकी जानकारी हाइटेक पुलिस को होने के बावजूद कार्रवाई केवल दिखावे के लिए दो-चार किलो पकड़कर की जाती है।

थानों के सामने से पहले भी निकल चुकी है गांजे की खेप :

बता दें कि बीते माह यहां जिले के थानों के सामने से 13 क्विंटल गांजा कीमती डेढ़ करोड़ की खेप निकल चुकी है। लेकिन जिले की पुलिस उसे पकडऩे की जहमत नहीं उठाई थी। लेकिन सीधी कोतवाली पुलिस ने उसे पकड़ा था। सीधी पुलिस की ओर से तस्करों को पकड़े जाने के बाद उस दौरान भी जिले की हाइटेक पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी। आखिर क्या वजह है कि पुलिस तस्करों को छूट दे रही है या फिर यह कहें कि, तस्करों के आने-जाने पर पुलिस को भनक नहीं लग रही है। तस्करों को संरक्षण देना या उनके कारोबार का पुलिस को भनक नहीं लगना, इन दोनों विषयों पर पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्रचिन्ह खड़ा करता है।

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