बैंकों के 17 लॉकर तोड़कर आए थे बुढ़ार में डकैती डालने
बैंकों के 17 लॉकर तोड़कर आए थे बुढ़ार में डकैती डालने Raj Express
क्राइम एक्सप्रेस

Shahdol : बैंकों के 17 लॉकर तोड़कर आए थे बुढ़ार में डकैती डालने

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शहडोल, मध्यप्रदेश। बुढ़ार नगर अंतर्गत बैंक डकैती के प्रयास में पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी हसन शेख उर्फ हसन चिकना निवासी पश्चिम बंगाल मालदा ने गहन पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले राज उगले हैं। जिसमें उसके साथियों का वास्तविक नाम व पता शामिल है। यह गेंग दरअसल बैंक डकैती का एक खतरनाक अंतर्राज्यीय गिरोह है, आरोपी जिसका सरगना है। जिसने अब तक 17 बैंकों के लॉकर तोड़े हैं और इन बैंकों से सोना सहित करोड़ों की रकम पार की गई है। इस मामले में विविध प्रदेशों की अदालतों में प्रकरण भी चल रहे हैं। पकड़ा गया आरोपी नैनी जेल से जमानत पर रिहा हुआ था और बुढ़ार में आकर सक्रिय हो गया था, तभी पुलिस ने उसे धर दबोचा। घटना 24 एवं 25 अप्रैल की दरम्यानी रात हुई थी जब यूनियन बैंक दीवार पर सेंध लगाई जा रही थी। इस मामले में बुढ़ार पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा एवं सूझबूझ निश्चित ही सराहनीय है।

इस तरह हुई पहचान :

आरोपी ने अपनी गेंग का परिचय दिया कि उसके साथ घटना कारित करने में अकबर शेख पिता सादिक शेख निवासी ग्राम जौहरपुर थाना इंग्लिश बाजार जिला मालदा पश्चिम बंगाल, गुड्डू उर्फ तारिक अहमद निवासी ग्राम सिदपुर पोस्ट आदरचक थाना डुमरिया जिला गया बिहार एवं राजू अंसारी उर्फ चिंटू निवासी ग्राम सिदपुर पोस्ट आदरचक थाना डुमरिया जिला गया बिहार के साथ मिलकर घटना को अंजाम देना स्वीकार किया।

फेरी वाले ने कराई रैकी :

बुढ़ार के वार्ड नं. 07 अम्बेडकर नगर में रहने वाले रहीश अंसारी पिता सब्बन अंसारी जो मूलत: ग्राम रतौली थाना लहरपुर जिला सीतापुर उप्र का रहने वाला है, यहां रहकर फेरी का सामान बेचने का काम करता है। उसके द्वारा आरोपी हसन को बुढ़ार में बुलाकर 05 दिनों तक अपने घर में रखा और बैंक की रैकी करवाई। रैकी के दौरान बैंक में अंदर जाने के लिए रहीश अंसारी ने आरोपी हसन चिकना का फर्जी आधार कार्ड सुल्तान आमिर के नाम से बनवाया और इसी आधार पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में, जहां स्वयं रहीश का भी खाता है, आरोपी का खाता खुलवाने के नाम पर बैंक के अंदर विस्तृत रैकी की गई। फर्जी आधार कार्ड पर बैंक में खाता खुलवाने के प्रयासों को देखते हुए बैंक मैनेजर की शिकायत पर आरोपी हसन शेख, रहीश अंसारी और उसके सभी साथियों के विरूद्ध थाना बुढ़ार में पृथक से धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि का अपराध भी पंजीबद्ध किया गया है।

रैकी के बाद नोएडा से लाए सामान :

05 दिनों की रैकी के बाद आरोपी हसन, रहीश अंसारी और उसका साथी गुड्डू उर्फ तारिक अहमद नोएडा गए और वहां से बैंक डकैती में लगने वाला सारा सामान जैसे 06 गैस सिलेंडर, प्रेशर रेग्यूलेटर, कटर, लोहे के संबल, लोही की छैनी, हथौड़ा, पैटोमैक्स इत्यादि लेकर अपने अन्य साथी राजू अंसारी और अकबर शेख के साथ बस एवं ट्रेन से 24 अप्रैल को सुबह बुढ़ार पहुंचे और शनिवार की रात्रि को ही पूर्व की रैकी के आधार पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में पीछे के रास्ते से प्रवेश किया।

कैमरे व एलार्म के काटे कनेक्शन :

बैंक में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले सीसीटीव्ही कैमरे के कनेक्शन को काटा गया। फिर बैंक लॉकर के मेन गेट पर लगे अलार्म को एवं अन्य अलार्म को काटा गया। उसके बाद 6 गैस सिलेन्डर एंव कटर के माध्यम से रविवार 25 अप्रेल के सुबह 4:30 बजे तक काटने का प्रयास किया गया। जिसमें सफलता नही मिलने पर सुबह 04:30 बजे सभी लोग बैंक से बाहर आ गये और रविवार का पूरा दिन अनूपपुर रेल्वे स्टेशन पर बिताया गया।

असफल होने पर दुबारा और अंतिम प्रयास :

आरोपियो द्वारा रविवार की रात लगभग 10 बजे पुन: बैंक में प्रवेश कर पड़ोस में स्थित पंजाब नेशनल बैंक में जाने के लिए दीवार में सेध लगा रहे थे। पुलिस के गश्ती दल द्वारा बैंक को चेक किये जाने के दौरान अन्दर से आने वाली आवाज के आधार पर जब पुलिस पार्टी पीछे की तरफ से बैंक के अन्दर के बदमाशों को घेरने लगी तभी आरोपी तत्काल ही बैंक के अन्दर से निकल कर सीढी से बाहर आकर अंधेरे का लाभ उठाकर फरार होने में सफल हो गये किन्तु दोनो आरक्षको के द्वारा एक आरोपी हसन शेख उर्फ हसन चिकना को रंगेहाथ गिरफतार किया गया है।

आरक्षक पर जानलेवा हमला :

आरोपी द्वारा भागने के दौरान पुलिस गश्ती दल के आरक्षक धन्नालाल सोलंकी पर अपने पास रखे कट्टे से फायर भी किया गया था। किन्तु आरक्षक द्वारा जान की परवाह न करते हुए उसे दौड़कर पकड़ा गया। जिस पर से आरोपी के विरूद्ध हत्या के प्रयास का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियो की पहचान स्थापित करने हेतु पश्चिम बंगाल पुलिस से समन्वय स्थापित किया जाकर, एक विशेष टीम गठित कर आरोपियों की गिरफतारी के प्रयास किये गये। प्रकरण की विवेचना के दौरान समस्त राज्यों से आरोपी के आपराधिक रिकार्ड शहडोल पुलिस द्वारा खंगाले गये। जिस पर आरोपी के विरुद्ध मध्य प्रदेश सहित, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश में कुल 16 अपराध पंजीबद्ध होना पाया गया।

17 बैंक लॉकर तोड़े :

वर्ष 2016 में थाना बागडोगरा जिला सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल के अपराध क्र धारा 457, 380 भादवी में 17 बैंक लॉकर को तोड़कर 7 किलो सोना और 3000000 रूपए की चोरी करना पाया गया। जिसमें आरोपी को सिलीगुड़ी पुलिस द्वारा कॉटन ग्रीन मुंबई से साढ़े 4 किलो सोना और 2500000 के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोपी की दूसरी फिरदोस बीबी निवासी पश्चिम बंगाल मालदा से भी 1 किलोग्राम सोना बरामद किया गया था। आरोपी उस प्रकरण में जमानत पर रिहा है। जिसका 28 अगस्त 2022 तक का गिरफ्तारी वारंट न्यायालय द्वारा जारी किया गया है।

जमानत पर रिहा हुआ था :

आरोपी हसन के द्वारा झारखंड के बोकरो स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में 30 लाख रुपये की चोरी की गई थी। इलाहाबाद उप्र की भारतीय स्टेट बैंक में ढाई किलोग्राम सोने की छोटी की गंभीर घटना को अंजाम दिया था। जिसका अपराध थाना सिविल लाइंस प्रयागराज में पंजीबद्ध है। उक्त घटना में आरोपी नैनी की सेंट्रल जेल में बंद था। आरोपी हसन लगभग डेढ़ महीने पहले नैनी सेंटल जेल से जमानत पर रिहा हुआ था। और अपने साथियों के साथ मिलकर शहडोल की बुढ़ार स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक में चोरी का प्रयास करते पकड़ा गया था। आरोपी हसन शेख उर्फ हसन चिकना निवासी पश्चिम बंगाल मालदा के विरुद्ध पं. बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में अपराध पंजीबद्ध है।

इनकी रही भूमिका :

पुलिस द्वारा आरोपी के सभी आपराधिक इतिहास के थानों को व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर उसके गिरफ्तारी की सूचना दी गई है एवं उसके विरूद्ध लंबित वांरटों की जानकारी प्राप्त की जा रही है। सतना एवं सीधी की पुलिस भी उक्त आरोपी के संबंध में पूंछताछ कर रही है। आरोपी से विस्तृत पूछताछ में थाना प्रभारी बुढ़ार राजेश चंद्र मिश्रा, उप निरी वर्षा बैंगा, सायबर सेल प्रभारी अमित दीक्षित और आरक्षक सत्यप्रकाश मिश्रा की उल्लेखनीय भूमिका रही है।

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