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ऐश्वर्या राय-आराध्या अस्पताल से हुए डिस्चार्ज, रिपोर्ट आई नेगेटिव

Author : Sudha Choubey

Aishwarya-Aaradhya : हाल ही कुछ दिन पहले बच्चन परिवार की बहू और एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी बेटी आराध्या बच्चन को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, अब इन दोनों की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई है। ऐश्वर्या और आराध्या को नानावती अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के 5 दिनों बाद ऐश्वर्या और आराध्या नानावती अस्पताल पहुंचे थे। उन्हें 10 दिन अस्पताल में बिताने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। इस बात की जानकारी खुद अभिषेक बच्चन ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

अभिषेक बच्चन ने किया ट्वीट :

अभिषेक बच्चन ने अपने सोशल मीडिया साइट ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए लिखा, "आप सभी की लगातार दुआओं और शुभकामनाओं का शुक्रिया, मैं हमेशा इसका ऋणी रहूंगा। ऐश्वर्या और आराध्या कोरोना निगेटिव हो चुके हैं और अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए हैं, वे अब घर पर ही रहेंगे। मेरे पिता और मैं, मेडिकल स्टाफ की निगरानी में अस्पताल में ही रहेंगे।"

आपको बता दें कि, 11 जुलाई को अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद 12 जुलाई को ऐश्वर्या राय बच्चन और आराध्या भी कोरोना पॉजिटिव मिले। महाराष्ट्र के हेल्थ मिनिस्टर राजेश टोपे ने इस बात की पुष्टि की थी। हालांकि जया बच्चन की रिपोर्ट्स निगेटिव थीं। ऐश्वर्या और आराध्या दोनों में लक्षण नहीं थे और उन्हें Asymptomatic बताया जा रहा था। इसके चलते उन्हें घर पर ही आइसोलेट किया गया था, लेकिन इसके बाद ऐश्वर्या में कुछ लक्षण उभरने लगे थे जिसके बाद दोनों मां-बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया था।

अस्पताल में अकेलापन महसूस कर अमिताभ बच्चन :

बिग बी ने हाल ही में ब्लॉग लिखा था, जिसमें उन्होंने बताया कि, "कोरोना का असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। बिग बी ने लिखा था, रात के अंधेरे और एक ठंडे कमरे में मैं गाता हूं, सोने की कोशिश में आंखें बंद करता हूं। यहां आपके पास कोई नहीं होता। कई हफ्तों से किसी को नहीं देखा, जो डॉक्टर्स आपका इलाज कर रहे होते हैं वह भी पीपीई किट में होते हैं।"

बिग बी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा था कि, "क्या इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है? साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक इसका असर पड़ता है। यहां से निकलने के बाद भी मरीज डरे हुए रहते हैं। वो पब्लिक प्लेस पर जाने से डरते हैं। उन्हें लगता है कि, लोग अब उनके साथ अलग तरह से बिहेव करेंगे। ऐसा बिहेव करेंगे जैसे आप अपने साथ बीमारी लेकर चल रहे हैं। इसे परियाह सिंड्रोम (छुआछूत का डर) कहते हैं। इससे लोग डिप्रेशन और अकेलेपन में जा रहे हैं।"

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