राज एक्सप्रेस। हिंदी फिल्म जगत में जब भी कभी सबसे दमदार किरदारों की बात की जाती है, तो उनमें फिल्म शोले में अमजद खान के द्वारा निभाए गए गब्बर के किरदार का जिक्र तो होता ही है। इस किरदार को अमजद खान ने इतनी सादगी से निभाया था कि लोग उन्हें आज भी इस किरदार के लिए याद करते हैं। आज भले ही अमजद खान हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी सादगी और फिल्मों से आज भी वे लोगों के दिलों में जिंदा हैं। आज एक्टर की जन्म जयंती है। उनका जन्म आज ही के दिन 12 नवम्बर 1940 को हुआ था। वैसे तो उनके जीवन से जुड़े कई किस्से हैं। लेकिन हम आपको फिल्म 'शोले' के दौरान उनसे जुड़े कुछ खास किस्से बताने वाले हैं।
शोले से मिली सही पहचान :
अमजद खान को बचपन से ही एक्टिंग का काफी शौक था। उन्होंने महज 11 साल की उम्र में ही फिल्म 'नाजनीन' में काम करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद वे 17 साल की उम्र में फिल्म 'अब दिल्ली दूर नहीं' में नजर आए। लेकिन अमजद खान को असल पहचान साल 1975 में आई फिल्म 'शोले' से मिली। शोले में उन्होंने गब्बर का किरदार कुछ इस तरह निभाया कि हर जगह उन्हें इसी नाम से पहचाना जाने लगा।
रोजाना पी 80 कप चाय :
फिल्म 'शोले' के दौरान अमजद खान को चाय पीने की लत लग गई थी। यहां तक कि वे एक दिन में करीब 80 कप तक चाय पी जाया करते थे। उनकी इस लत के चलते कैंटीन स्टाफ भी उनकी डिमांड पूरा नहीं कर पा रही थी। इस समस्या ने निपटने के लिए अमजद खान ने थिएटर में ही दो भैंसे बंधवा दी ताकि स्टाफ को दूध लेने के लिए कहीं जाना ना पड़े और अभिनेता को समय पर चाय मिल जाए।
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