Shahrukh Khan son Aryan Khan released from jail
Shahrukh Khan son Aryan Khan released from jail Social Media
सेलिब्रिटी

जेल से रिहा हुए आर्यन खान, शाहरुख खान के बॉडीगार्ड के साथ गए 'मन्नत'

Author : Sudha Choubey

मुंबई क्रूज शिप ड्रग्स केस (Mumbail Cruise drugs Case) में 28 दिनों की कैद के बाद बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) आज शनिवार को ऑर्थर रोड जेल से रिहा हो गए। आर्यन खान की रिहाई के लिए दस्तावेज सुबह 5.30 बजे जमानत पत्र पेटी में डाले गए। इसके साथ ही कागजी कार्रवाई पूरी हो गई।

जेल के गेट पर पहुंचे शाहरुख के बॉडीगार्ड:

शाहरुख खान अपने बॉडीगार्ड के साथ आर्यन खान को लेने खुद आर्थर रोड जेल पहुंचे थे। शाहरुख खान के बॉडीगार्ड रवि आर्यन को लेने जेल के गेट पर पहुंचे। जेल और शाहरुख के घर मन्नत के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं।

जूही चावला बनी जमानतदार:

ड्रग्स केस में गुरुवार को आर्यन खान और दो अन्य आरोपी अरबाज मर्चेंट व मुनमुन धमेचा को बांबे हाईकोर्ट ने गुरुवार को जमानत दी थी। शुक्रवार को दोपहर करीब 3:30 बजे बेल ऑर्डर की कॉपी आने के बाद सेशंस कोर्ट ने रिलीज ऑर्डर भी जारी कर दिया था। हाईकोर्ट से आर्यन खान को जमानत करीब 14 शर्तों के साथ मिली है।

वहीं, कोर्ट में 1 लाख रुपये का बॉन्ड भरकर बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला, आर्यन खान की जमानतदार बनी थीं। जूही चावला ने कागजों पर हस्ताक्षर किए जिसके बाद उन्हें वापस अदालत भेजा गया, जहां जज ने जमानत बांड पर दस्तखत किये और रिहाई मेमो जारी किया। अदालत परिसर से निकलते हुए चावला ने मीडिया से कहा, "परिवार में अब सुकून है, हम सभी खुश हैं, अब बच्चा घर आ जाएगा।"

इन शर्तों के साथ आर्यन को मिली जमानत:

  • कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, आर्यन खान और दो सह-आरोपियों अरबाज मर्चेंट तथा मुनमुन धामेचा को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही एक या दो जमानत राशि जमा करने पर छोड़ा जाएगा।

  • आरोपी उसी तरह के अपराध में फिर से शामिल नहीं होगा।

  • सह-आरोपियों से किसी भी तरह का संपर्क नहीं करना होगा।

  • अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे।

  • कार्यवाही के बारे में सोशल मीडिया या मीडिया को कोई बयान नहीं देंगे।

  • जांच अधिकारी को बताए बिना मुंबई नहीं छोड़ सकते।

  • उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर शुक्रवार को दोपहर 11 से 2 बजे के बीच एनसीबी कार्यालय में उपस्थित होंगे।

  • सभी तिथियों पर अदालत में उपस्थित होंगे जब तक कि किसी उचित कारण से रोका न जाए।

  • बुलाए जाने पर एनसीबी कार्यालय जाएंगे।

  • मुकदमे में किसी तरह की देरी करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।

  • पासपोर्ट को स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट को सौंपना होगा।

  • यदि इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है, तो एनसीबी सीधे एनडीपीएस कोर्ट में जमानत रद्द करने के लिए आवेदन कर सकती है।

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