हाइलाइट्स :
वर्धन पुरी लगभग 1200 ऑडिशन्स दे चुके हैं
एक्टर अमरीश पुरी के ग्रैंडसन हैं वर्धन पुरी
'ये साली आशिकी' फ़िल्म 22 नवंबर 2019 को होगी रिलीज
वर्धन पुरी की इंस्पिरेशन दादाजी और चार्ली चैपलिन
राज एक्सप्रेस। वर्सटाइल एक्टर अमरीश पुरी के ग्रैंडसन वर्धन पुरी जल्द ही रोमांटिक थ्रिलर 'ये साली आशिकी' नाम की फ़िल्म से बॉलीवुड में आगाज करने जा रहे हैं। उनकी यह फ़िल्म 22 नवंबर 2019 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। हाल ही में हमने वर्धन पुरी से मुलाकात की और उनसे उनकी फिल्म को लेकर काफी बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।
अपनी जर्नी के बारे में कुछ बताएं और यह फ़िल्म कैसे वर्कआउट हुई ?
मेरी लाइफ में दो इंस्पिरेशन रहे हैं। एक मेरे दादाजी अमरीश पुरी और दूसरे चार्ली चैपलिन। मैं बचपन से ही चार्ली चैपलिन का सिनेमा देख रहा हूं। पांच साल की उम्र में ही मेरे दादाजी ने मुझे थियेटर में डाल दिया था। मैं पंडित सत्यजीत दुबे जी का स्टूडेंट रहा हूं। पहला रोल मुझे थियेटर में आठ साल की उम्र में मिला था। चौदह साल की उम्र में मुझे मेरा पहला लीड रोल प्ले करने को मिला। मेरे दादाजी मुझे हमेशा कहते थे कि जब आपने पहली बार मिरर में देखकर एक्टिंग कर ली, उस ही वक्त आप एक्टर बन गए।
उसके बाद अगर आपको लोग काम देने लगे तब जाकर आप पूरी तरह एक्टर बनते हैं। मैंने करियर के शुरुआत में यशराज बैनर की दावत ए इश्क़, इश्कजादे और शुद्ध देसी रोमांस में एज असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया। उसके बाद मैंने लगभग 1200 ऑडिशन दिए लेकिन मेरा काम नहीं बना। मुझे सब जानते थे कि मैं अमरीश पुरी जी का पोता हूं लेकिन मेरे साथ कोई काम नहीं करना चाहता था। फिर मैंने इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट लिखी और आज इस फ़िल्म के माध्यम से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहा हूं।
क्या आपने इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट खुद को माइंड में रखकर लिखी थी ?
बिल्कुल भी नहीं क्योंकि मैं कभी एक एक्टर को माइंड में रखकर स्क्रिप्ट नहीं लिखता। इसके अलावा मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इस फ़िल्म का हीरो मैं रहूंगा। वो तो मेरी फिल्म के डायरेक्टर चिराग ने कहा कि मैं रोल के लिए परफेक्ट हूं लेकिन यह स्टोरी मेरे दिल के काफी करीब थी और मैं खुद को फ़िल्म में लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। उसके बाद फ़िल्म के निर्माता जयंतीलाल गड़ा और मेरे पेरेंट्स ने भी कहा कि मैं फ़िल्म के लिए परफेक्ट हूं। फिर जाकर मैंने ऑडिशन दिए और मैं फ़िल्म का हीरो बना।
ट्रेलर रिलीज होने के बाद लोग आपके फ़िल्म की तुलना शाहरुख खान की फ़िल्म डर से कर रहे हैं, इस बारे में क्या कहेंगे ?
सच बोलूं तो बहुत अच्छी बात है कि लोग मेरी फिल्म की तुलना शाहरुख सर की फ़िल्म के साथ कर रहे हैं। उस फिल्म के डायरेक्टर यश चोपड़ा मेरे मेंटर रह चुके हैं। मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है। डर के अलावा लोग मेरी फिल्म की तुलना शाहिद कपूर की फ़िल्म कबीर सिंह और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फ़िल्म इत्तेफ़ाक़ से भी कर रहे हैं। यह सब सुनकर बहुत अच्छा लगता है कि मेरी पहली ही फ़िल्म की तुलना इतनी बड़ी-बड़ी फिल्मों से हो रही है।
फ़िल्म ये साली आशिकी से पहले और कोई फ़िल्म आपको ऑफर हुई थी ?
मुझे इस फ़िल्म से पहले एक लव स्टोरी फ़िल्म ऑफर हुई थी लेकिन छह महीने बाद मुझे पता चला कि उस फिल्म से मुझे रिप्लेस कर दिया गया है। उसके बाद मैं भट्ट साहब के साथ एक फ़िल्म करने वाला था। उस फिल्म का नाम 'मैं सुल्ताना' था और उस फिल्म का बजट भी लगभग 80 करोड़ के करीब था। उस फिल्म को भट्ट साहब के अलावा एक स्टूडियो भी बैक कर रही थी लेकिन पद्मावत की कॉन्ट्रोवर्सी के बाद वो फ़िल्म बंद हो गयी। उसके बाद मैं काफी दिनों तक डिप्रेशन में भी चला गया था लेकिन फिर मैंने सोचा कि क्यों ना राइटिंग में ही कुछ करते हैं। फिर मैंने ये साली आशिकी की स्क्रिप्ट पर काम करना शुरू कर दिया।
अमरीश पुरी जी की कौन सी फिल्में आपको पसंद है ?
मुझे मेरे दादू की सभी फिल्में पसंद हैं। उनकी फिल्मों से मुझे कौन सी फ़िल्म पसंद है, यह बताना मुश्किल होगा। फिर भी मैं आपको बताना चाहूंगा कि मुझे विरासत, मिस्टर इंडिया, घायल, मेरी जंग, दामिनी, गर्दिश जैसी फिल्में काफी पसंद हैं। कॉमेडी फिल्मों में मुस्कुराहट, चाची 420 और हलचल भी मुझे पसंद है।
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