रिव्यू - सनकी और पागल इंसान की कहानी है फिल्म कागज
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रिव्यू - सनकी और पागल इंसान की कहानी है फिल्म कागज

Author : Pankaj Pandey

फिल्म - कागज

स्टारकास्ट- पंकज त्रिपाठी, मोनाल गज्जर

डायरेक्टर - सतीश कौशिक

प्रोड्यूसर - सलमान खान, निशांत कौशिक

रेटिंग - 3.5 स्टार

राज एक्सप्रेस। सुपरस्टार सलमान खान द्वारा निर्मित और सतीश कौशिक द्वारा निर्देशित फिल्म कागज डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है। कैसी है फिल्म चलिए जानते हैं।

स्टोरी :

फिल्म कागज उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के अमिलो गांव में रहने वाले बैंड मास्टर भरतलाल (पंकज त्रिपाठी) की कहानी है जो कि अपनी पत्नी रुक्मणि (मोनाल गज्जर) के साथ अपना जीवन यापन कर रहा है। भरतलाल के पास वैसे तो सब कुछ है लेकिन उसकी पत्नी जब उसे उसकी बैंड मंडली को बढ़ाने को कहती है, उसके बाद भरतलाल बैंक में लोन लेने जाता है तो वहां उसे बैंक वाले कहते हैं कि अगर वो अपनी कोई जमीन गिरवी रखता है तो उसे आसानी से लोन मिल जाएगा। बैंक वालों की बात मानकर भरतलाल अपने पिता की जमीन का कागज अपने चाचा से लेने जाता है लेकिन वहां पहुंचकर भरतलाल को पता चलता है कि उसकी जमीन उसके चचेरे भाइयों ने उसे मृतक घोषित करके अपने नाम कर ली है। अब भरतलाल अपनी खुद की जमीन कैसे अपने नाम करेगा क्योंकि कागज पर तो वो मृतक घोषित कर दिया गया है। अगर आपको यह जानना है कि कैसे भरतलाल कागज पर खुद को मृतक से जीवित घोषित करेगा तो इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

डायरेक्शन :

फिल्म की कहानी सतीश कौशिक ने लिखी है और फिल्म को डायरेक्ट भी उन्होंने ही किया है। फिल्म का डायरेक्शन लाजवाब है। फिल्म का स्क्रीनप्ले भी ठीक है और सिनेमेटोग्राफी भी बढ़िया है। फिल्म का संगीत कहानी को आगे बढ़ाता है। फिल्म के डायलॉग भी अच्छे बन पड़े हैं। फिल्म की एडिटिंग भी ठीक है बस फिल्म का क्लाइमैक्स थोड़ा फीका है।

परफॉर्मेंस :

परफॉर्मेंस की बात करें तो पंकज त्रिपाठी ने कमाल का अभिनय किया है। भरतलाल के किरदार में पंकज त्रिपाठी ने जान भर दी है। साधुराम केवट के किरदार में सतीश कौशिक जम रहे हैं। अमर उपाध्याय ने नेगेटिव किरदार को बखूबी निभाया है लेकिन उनका किरदार काफी छोटा है। बिजेंद्र काला काफी कम समय के लिए आते हैं लेकिन चेहरे पर हंसी लाते हैं। मोनाल गज्जर ने भी बढ़िया काम किया है। फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी ठीक काम किया है।

क्यों देखें :

फिल्म कागज एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। फिल्म के जरिए यह बताया गया है कि इंसान के जीवन में एक कागज का क्या महत्व होता है। यह फिल्म इंसान के जीवन में एक कागज के मायने बताती है। इसके अलावा आप इस फिल्म को पागल और सनकी भरतलाल की कहानी भी कह सकते हैं। अगर आपको किसी सनकी और पागल इंसान की कहानी देखनी है तो यह फिल्म आपके लिए है।

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