26/11 Mumbai Attack :
26/11 Mumbai Attack : Syed Dabeer Hussain - RE
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26/11 Mumbai Attack : रॉ, आईबी, मुंबई पुलिस या भारतीय नौसेना, जानिए मुंबई हमले में किससे हुई थी चूक?

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। 26 नवंबर 2008 वह दिन है, जिसे कोई भारतवासी शायद ही कभी भूला पाएगा। इस दिन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने सपनों की नगरी मुंबई को वह जख्म दिया, जिसे याद करके आज भी देशवासी सिहर जाते हैं। ये आजाद भारत के इतिहास में सबसे बड़ा आतंकी हमला था, जिसे आज 14 साल पूरे हो चुके हैं। इस हमले में आतंकियों ने देश की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक ताज होटल को निशाना बनाया था। इस हमले ने देश की सुरक्षा-व्यवस्था के दावों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए थे। इस हमले के चलते अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और इसरायली खुफिया एजेंसी मोसाद भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से काफी नाराज थी। इसका कारण यह है कि अगर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां समय पर कदम उठाती तो इस हमले को आसानी से रोका जा सकता था।

पहले ही मिल गया था अलर्ट :

दरअसल भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को हमले से पहले ही इसके बारे में इनपुट मिलना शुरू हो चुके थे। पाकिस्तान से मिल रहे संकेतो से साफ था कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मुंबई पर हमला करने की कोशिश में है और इस काम में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई उनका पूरा साथ दे रही हैं।

सुरक्षा एजेंसियों को पहले ही भेज दिया था अलर्ट :

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और इसरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने भी रॉ को मुंबई में हमला होने को लेकर अलर्ट किया था। रॉ ने भी अपने अलर्ट में बताया था कि मुंबई में हमले के दौरान नरीमन हाउस आतंकियों के निशाने पर हो सकता है। रॉ ने 20 नवंबर 2008 को भारतीय नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड को अलर्ट भेजकर घुसपैठ करने वाले जहाज अल हुसैनी के बारे में जानकारी दी थी। आतंकी इसी जहाज से भारत की ओर आए थे और बीच में वह एक मछली पकड़ने वाली नाव में सवार हो गए थे। इसके अलावा रॉ की तरफ से आईबी को भी आतंकी हमला होने का अलर्ट दिया था।

कहाँ हुई थी चूक?

मुंबई हमला होने का ठीकरा भले ही रॉ पर फोड़ा जाता है, लेकिन असल में यह सभी सुरक्षा एजेंसियों की गलती का नतीजा था। इस हमले को लेकर हुई जाँच रिपोर्ट में महाराष्ट्र के गृह विभाग और मुंबई पुलिस पर भी खतरों को गंभीरता से नहीं लेने के आरोप लगाए गए थे। इस हमले के चलते ही भारत के गृहमंत्री शिवराज पाटिल, महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल और तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर हसन गफ्फूर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

रॉ प्रमुख ने की थी इस्तीफे की पेशकश :

मुंबई हमले के बाद रॉ के तत्कालीन प्रमुख अशोक चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन मनमोहन सिंह ने इस्तीफा लेने से इंकार कर दिया था।

सीआईए और मोसाद की नाराजगी :

मुंबई हमला रोक ना पाने के चलते सीआईए और मोसाद ने भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रति नाराजगी जाहिर की थी। उनका मानना था कि तमाम इनपुट होने के बावजूद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस हमले को रोक नहीं पाई।

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