केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
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'नो मनी फॉर टेरर' के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र को अमित शाह ने किया संबोधित

Sudha Choubey

राज एक्सप्रेस। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज शनिवार को 'नो मनी फॉर टेरर' के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र में शामिल हुए। उन्होंने इस कार्यक्रम को संबोधित भी किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि, "भारत की आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर, नई दिल्ली में आयोजित "नो मनी फॉर टेरर" के तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के समापन सत्र को, संबोधित करते हुए मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है।"

अमित शाह ने कही यह बात:

गृहमंत्री अमित शाह ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, "टेररिज्म ने आज एक ऐसा विकराल रूप धारण कर लिया है, जिसका प्रभाव हमें हर स्तर पर दिखता है।उन्होंने कहा कि, टेररिज्म लोकतंत्र, मानवाधिकार, आर्थिक प्रगति तथा विश्वशांति के खिलाफ सबसे बड़ा नासूर है, जिसे हमें जीतने नहीं देना है।"

अमित शाह ने कहा कि, "कोई भी एक देश या कोई भी एक संगठन, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, टेररिज्म को अकेला हरा नहीं सकता! अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लगातार इस जटिल और बॉर्डर-लेस खतरे के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।"

उन्होंने कहा कि, "टेररिज्म के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति, काउंटर-टेरर कानूनों के मजबूत फ्रेमवर्क व एजेंसियों के सशक्तिकरण के कारण भारत में टेररिज्म से होने वाली घटनाओं में कमी आई है और टेररिज्म के मामलों में सख्त सजा दिलाने में सफलता हासिल की गई है।"

उन्होंने कहा कि, "भारत सरकार ने यह भी तय किया है कि टेररिज्म, नारकोटिक्स और आर्थिक अपराध जैसे अपराधों पर राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय डेटाबेस विकसित किया जाए। भारत सरकार ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना की। उन्होंने कहा कि, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प को दोहराना चाहूँगा कि भारत 'Counter-Terrorism & Combating Financing of Terrorism' के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का केंद्र बिंदु होगा।"

गृहमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, "हम टेररिज्म के सभी रूपों के खिलाफ एक प्रभावी, दीर्घकालिक और ठोस लड़ाई के बिना भय-मुक्त समाज, भय-मुक्त दुनिया नहीं सोच सकते हैं। हमें टेररिज्म और टेररिस्ट गुटों के खिलाफ इस लड़ाई को प्रत्येक भौगौलिक और वर्चुअल क्षेत्र में लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि, हाल ही में भारत सरकार ने सामाजिक गतिविधियों की आड़ में युवाओं को रेडिकलाइज कर उन्हें आतंक की ओर धकेलने की साजिश करने वाली संस्था को बैन किया है। मेरा मानना है कि, हर देश को ऐसी संस्थाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए।"

अमित शाह ने इस कार्यक्रम में कहा कि, "कुछ देश, उनकी सरकारों व एजेंसियों ने ‘टेररिज्म’ को स्टेट पालिसी बनाया है। टेरर हेवन्स पर आर्थिक प्रतिबंध के साथ सभी प्रकार की नकेल कसना आवश्यक है। इस पर दुनिया के सभी देशों को अपने जियो-पॉलिटिकल इंटरेस्ट से ऊपर उठकर एक मन बनाना होगा।"

उन्होंने कहा कि, "कुछ देश आतंकवादियों और आतंकवाद को पनाह देने वालों का बार-बार समर्थन करते हैं। मेरा मानना है कि आतंकवाद की कोई अंतर्राष्ट्रीय सीमा नहीं होती इसलिए सभी देशों को राजनीति को भुलाकर एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए।"

मेरा यह मानना है कि टेररिज्म के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमारा दृष्टिकोण पाँच स्तंभों पर आधारित होना चाहिए-

  1. एक व्यापक मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क स्थापित करना जिसमें सभी इंटेलिजेंस तथा इन्वेस्टीगेशन एजेंसियों में कोऑपरेशन, कोआर्डिनेशन तथा कोलेबोरेशन हो।

  2. निम्न-स्तरीय आर्थिक अपराध से लेकर संगठित आर्थिक अपराध तक ट्रेस (Trace), टारगेट (Target) व टर्मिनेट (Terminate) की स्ट्रेटेजी अपनानी होगी।

  3. टेरर फाइनेंस से संबधित लीगल स्ट्रक्चर्स को मजबूत करना तथा उनमें एकरूपता लाना।

  4. Next Generation टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग के खिलाफ एक मजबूत तंत्र विकसित करना।

  5. एसेट रिकवरी के लिए कानूनी और नियामक ढांचे को मजबूत करना।

गृह मंत्री ने आगे कहा कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत टेरर-फाइनेंसिंग के सभी रूपों, जैसे मनीलॉन्ड्रिंग, डिजिटल फाइनेंशियल प्लेटफार्म का दुरुपयोग, हवाला, इत्यादि से निपटने के लिए सभी देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

उन्होंने कहा कि, "भारत ने आतंकवाद के वित्‍तपोषण का मुकाबला करने पर निरन्‍तर वैश्विक फोकस बनाए रखने के लिए NMFT की इस विशिष्‍ट पहल के स्‍थायित्व की आवश्‍यकता महसूस की है। अब, स्‍थायी सचिवालय स्थापित करने का समय आ गया है।"

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