राज एक्सप्रेस। कोरोना काल के बीच लद्दाख में भारत और चीन दोनों देशों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि हाल ही में चीनी सेना ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैंगोंग त्सो (झील) और गालवान घाटी में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। तो वहीं भारतीय सेना भी चीन के आक्रामक रुख पर चौकन्ना है और दोनों देशों में टकराहट की स्थिति बनी है।
आर्मी चीफ ने किया लद्दाख का दौरा :
भारत-चीन के इसी विवाद के बीच आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने बीते दिन शनिवार को ही लद्दाख का दौरा किया और यहां उन्होंने टॉप फील्ड कमांडरों के साथ बैठक की और हालात का जायजा लिया। हालांकि, आर्मी चीफ के इस दौरे पर कोई जानकारी तो नहीं दी है, लेकिन सूत्रों का कहना है, भारत चीनी हरकतों पर करीबी नजर रखे हुए हैं। साथ ही आर्मी चीफ के लद्दाख दौरे से यह संकेत नजर आता है कि, भारत इसबार हर मोर्चे पर सतर्क रहना चाहता है और पड़ोसी देश कोई दुस्साहस नहीं कर पाए इसके लिए तैयारी भी पूरी हो।
इसके अलावा भारतीय सेना ने भी स्पष्ट किया है कि, ''वे अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की चीनी घुसपैठ की अनुमति नहीं देंगे और उन क्षेत्रों में गश्त को और भी मजबूत करेंगे।''
लद्दाख में इन जगहों को लेकर भारत-चीन में तनातनी :
सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में ये तीन जगह 'गालवन नाला, डेमचौक और दौलत बेग और पैंगोंग त्सो झील' को लेकर भारत और चीन में तनातनी बनी है। वहीं, गालवन नाला में दोनों देशों के 300-300 सैनिक आमने-सामने हैं, इस इलाके पर चीन अपना दावा कर रहा है, हालांकि भारतीय सेना के फील्ड कमांडर चीन के कमांडरों से बात कर रहे हैं और मामले का हल निकालने की कोशिश की जा रही है।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।