हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहे सेना : राजनाथ
हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहे सेना : राजनाथ Social Media
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हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहे सेना : राजनाथ

News Agency

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के शीर्ष नेतृत्व को गैर परंपरागत और आतंकवाद जैसे परोक्ष युद्ध सहित सभी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है। श्री सिंह ने पिछले चार दिनों से यहां चल रहे सेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को गुरुवार को संबोधित करते हुए सेना की संचालन तैयारियों तथा निरंतर बढ़ती क्षमता की सराहना की।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण उत्पन्न स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने जोर दिया कि इस जटिल परिस्थिति से पूरा विश्व प्रभावित है। उन्होंने कहा हाइब्रिड सहित गैर परंपरागत और परोक्ष युद्ध भविष्य की लड़ाई यों का हिस्सा रहेगा। साइबर, सूचना, संचार, व्यापार और वित्त ये सभी भविष्य के संघर्षों का अटूट हिस्सा बन गए हैं। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि सशस्त्र सेनाओं को भविष्य की रणनीति बनाते हुए इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।

उत्तरी सीमा पर मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि हमारे सैनिक सीमा पर मजबूती के साथ डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत जारी रहेगी, टकराव की जगह से सैनिकों को पीछे हटाना तथा तनाव कम करना समाधान की दिशा में अच्छा कदम है।

सीमाओं की रक्षा में पूरी तत्परता के साथ डटे सैनिकों के प्रति समूचे राष्ट्र की ओर से आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा की प्रतिकूल परिस्थितियों में तैनात सैनिकों को बेहतर हथियार , उपकरण और अन्य साजो सामान उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।

उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं के विकास में सीमा सड़क संगठन के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इससे पश्चिमी तथा उत्तरी सीमाओं पर सड़क संपर्क तथा संचार की सुविधाएं बढ़ी हैं। पश्चिमी सीमा की स्थिति का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि वहां दुश्मन द्वारा युद्ध की नापाक हरकत जारी है लेकिन सेना ने सीमा पार आतंकवाद का करारा जवाब देते हुए इन हरकतों को विफल किया है। उन्होंने कहा कि वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की समस्या से निपटने में केंद्रीय पुलिस बलों, राज्य पुलिस और सेना के बीच तालमेल की सराहना करते हैं। तालमेल के आधार पर चलाए जा रहे अभियानों से जम्मू कश्मीर में स्थिरता तथा शांति की स्थिति बनी है और इस दिशा में कदम रुकने नहीं चाहिए।

श्री सिंह ने कहा कि सरकार सैनिकों की युद्धक क्षमता बढ़ाने तथा उनके लिए कल्याणकारी योजनाएं सुनिश्चित करने के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है और इसके माध्यम से घरेलू उद्योग को सेनाओं की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने का मौका मिला है। सेना के शीर्ष कमांडरों का सम्मेलन वर्ष में दो बार अप्रैल तथा अक्टूबर में होता है और इस सम्मेलन में सेना की संचालन तैयारियों से लेकर भविष्य की रणनीतियों पर विस्तार से गहन विचार विमर्श किया जाता है। इस विचार विमर्श के आधार पर ही सेना से संबंधित नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं।

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