हाजीपुर से NDA के प्रत्याशी होंगे चिराग पासवान
हाजीपुर से NDA के प्रत्याशी होंगे चिराग पासवान Raj Express
बिहार

Lok Sabha Election : हाजीपुर से NDA के प्रत्याशी होंगे चिराग पासवान, संसदीय बोर्ड की बैठक में बनी सहमति

Author : gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • रामविलास पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से रह चुके हैं सांसद।

  • पशुपति कुमार पारस भी हाजीपुर से चुनाव लड़ने का कर चुके हैं ऐलान।

Hajipur Lok Sabha Seat : बिहार। हाजीपुर लोकसभा सीट से चिराग पासवान NDA के प्रत्याशी होंगे। ये बात पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में तय हो गई है। चिराग पासवान लम्बे समय से हाजीपुर लोकसभा सीट पर दावेदारी कर रहे थे। उन्होंने बुधवार को ऐलान किया कि, उनके दिवंगत पिता की लोकसभा सीट से अब वे चुनाव लड़ेंगे। इस बात पर सहमति बन गई है। आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। बता दें कि, दिवंगत नेता रामविलास पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से 9 बार सांसद रह चुके हैं।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि, केंद्रीय संसदीय बोर्ड (पार्टी की) की बैठक के बाद, हम बिहार के लिए रवाना होंगे। कई प्रस्तावों को अनिवार्य रूप से पारित करने की आवश्यकता है, और कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए बैठक बुलाई गई। जब उनसे उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि बहुत जल्द उम्मीदवारों की सूची आएगी। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किए जा रहे हैं।"

हर चुनौती के लिए तैयार :

पशुपति कुमार पारस के हाजीपुर से चुनाव लड़ने के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, ''कोई समस्या ही नहीं है। मैं चुनौतियों से कभी नहीं डरा। मैंने हमेशा चुनौतियों का बहादुरी से सामना किया है। इसलिए आज मैं यहां खड़ा हूं।'' मुझे ख़त्म करने की कोशिश की गई। लेकिन मैं हर चुनौती के लिए तैयार हूं।"

हाजीपुर लोकसभा सीट और रामविलास पासवान :

दिवंगत नेता रामविलास पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से 9 बार सांसद रह चुके हैं। पहली बार वे 1977 में इस सीट से चुनाव लड़े थे। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी को 4 लाख वोट के अंतर से हराया था। इसके बाद से उन्होंने इस सीट पर अपना दबदबा बना लिया। 1984 और 2009 का चुनाव छोड़कर वे सभी चुनाव जीते हैं। 9 बार संसद रहे। 2014 में उन्होंने आखिरी बार लोकसभा चुनाव लड़ा था इसके बाद वे राज्यसभा चले गए। 2019 में उनके भाई पशुपति पारस ने चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। वे वर्तमान में सांसद हैं। NDA द्वारा सीट बंटवारे से नाराज होने के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

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