सूरजपुर की बाघिन ATR के जंगल में छोड़ेंगे
सूरजपुर की बाघिन ATR के जंगल में छोड़ेंगे  RE
छत्तीसगढ़

Achanakmar Tiger Reserve में बाघिन को छोड़ेंगे आज, रेडियो कॉलर से होगी निगरानी

Deeksha Nandini

Achanakmar Tiger Reserve: सूरजपुर इलाके से पकड़ी गई बाघिन को अब अचानकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) में छोड़ने की तैयारी वन विभाग की टीम (Forest Department Team) ने कर ली हैं। वन विभाग ने घायल बाघिन के स्वस्थ्य होने के बाद शनिवार को उसे जंगल में छोड़ने का फैसला किया है। इसके लिए ATR के जंगल को उपयुक्त माना गया है। जंगल सफारी से लाकर बाघिन को शनिवार को छपरवा रेंज (Chhaparwa Range) में छोड़ने की तैयारी की गई है। बाघिन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रेडियो कॉलर (Radio Collar) भी लगाया जाएगा।

बाघिन को शनिवार की सुबह रायपुर से अचानकमार टाइगर रिजर्व (ATR) लाया जाएगा। इसके लिए वन विभाग ने तैयारी की है। देर रात जंगल सफारी की टीम अचानकमार (Achanakmar) के लिए रवाना हो गई है। टीम सुबह बिलासपुर (Bilaspur) पहुंचेगी और यहां लाने के बाद सीधे छपरवा रेंज में छोड़ा जाएगा। बाघिन को किस बीट में छोड़ा जाएगा, इसे पूरी तरह गोपनीय रखा गया है।

तीन लोगों को बनाया था शिकार :

बाघिन ने एक महीने पहले सूरजपुर के उड़गी ब्लॉक (Udgi block) में तीन लोगों पर हमला कर दिया था, जिससे दो की मौत हो गई थी। इसके बाद आदमखोर बाघिन को वन विभाग ने ट्रेंक्यूलाइज (Tranquilized) कर काला मंजन गांव के नजदीक के जंगल से पकड़ा था। रेस्क्यू (Rescue) के दौरान बाघिन बुरी तरह से घायल हो गई थी, जिसके बाद उसे जंगल सफारी भेज दिया गया था, जहां उसका इलाज चल रहा था। अब वह पूरी तरह स्वस्थ्य हो चुकी है।

रेडियो कालर लगाने से फायदा :

बाघिन की सुरक्षा व निगरानी के लिए ही रेडियो कालर लगाया गया है। इसके जरिए बाघिन जंगल के अंदर जिस जगह पर रहेगी हर घंटे अफसरों के मोबाइल पर लोकेशन (location) आता रहेगा। इसका एक लाभ यह होगा कि यदि बाघिन गांव की तरफ पहुंचती है तो ग्रामीणों को सचेत (Alert) किया जा सकता है और बाघिन की लोकेशन को ट्रेस (Trace) किया जा सकता हैं।

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