छत्तीसगढ़, भारत। अगले माह यानी दिसंबर महीने के 1 तारीख (1 दिसंबर) से छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी शुरू होने वाली है, लेकिन इस बीच बारदाना का संकट आ गया, जिसके चलते छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार बारदाना संकट से घिरी हुई है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर मदद मांगी है।
धान खरीदी के लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता :
दअरसल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लिखे गए इस लेट में समर्थन मूल्य पर धान की खऱीद के लिए नये जूट बारदानों की समयानुसार आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हुए बारदाने समय पर नहीं मिलने पर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका जताई है। इस दौरान लेटर में लिखा- केंद्रीय खाद्य विभाग द्वारा गत 12 नवंबर को जारी प्लान के अनुसार छत्तीसगढ़ को 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने जूट कमिश्नर कोलकाता के माध्यम से क्रय करने की अनुमति प्राप्त हुई है। इसके विरुद्ध राज्य को अभी तक मात्र 86,856 गठान नये जूट बारदाने प्राप्त हुए हैं, जो प्लान अनुसार अपेक्षित मात्र से काफी कम है। जूट कमिश्नर द्वारा प्लान के अनुसार यदि समयानुसार शतप्रतिशत बारदानों की आपूर्ति नहीं की जाती है तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीद का कार्य आगामी एक दिसम्बर से प्रारंभ होना संभावित है, जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर राज्य में किसानों से 105 लाख टन धान उपार्जन होना अनुमानित है, जिसके लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता होगी।
लेटर में CM भूपेश बघेल ने यह भी लिखा-
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी समिति विपणन संघ द्वारा 2.14 लाख गठान जूट बारदाने क्रय करने के लिये इंडेन्ट जारी किये गये हैं, इसके विरुद्ध राज्य को अभी तक मात्र 86,856 गठान नये जूट बारदाने ही प्राप्त हुए हैं, जो प्लान अनुसार अपेक्षित मात्रा से काफी कम हैं।
जूट कमिश्नर के माध्यम से राज्य को प्राप्त होने वाले उक्त समस्त नये जूट बारदानों की शत-प्रतिशत आपूर्ति हेतु राज्य स्तर से निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य द्वारा किये जा रहे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद जूट कमिश्नर द्वारा आपूर्ति किये जा रहे बारदानों की गति में संतोषप्रद प्रगति परिलक्षित नहीं हुई है।
विगत वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु प्रतिदिन औसतन 10 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता हो रही थी। ऐसी स्थिति में यदि जूट कमिश्नर कोलकाता द्वारा आपूर्ति कार्ययोजना के अनुरूप शत-प्रतिशत बारदानों की आपूर्ति नियत समय पर नहीं की जाती है, तो धान खरीदी अवधि के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
CM बघेल ने PM मोदी को बताया कि, खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में खाद्य विभाग भारत सरकार द्वारा 61.65 लाख टन चावल केन्द्रीय पूल अंतर्गत लिये जाने की अनुमति प्रदान की गई है, राज्य में केन्द्रीय पूल की आवश्यकता 16 लाख टन के अतिरिक्त शेष 45.65 लाख टन चावल केन्द्रीय पूल अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम में जमा कराया जाना है, जिसके लिए भी नये जूट बारदाने की प्लान अनुसार निरंतर आपूर्ति की जरूरत है।
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