आयकर और ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी
आयकर और ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी Deepika Pal - RE
छत्तीसगढ़

आयकर और ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई: अरबों की बेनामी संपत्ति का खुलासा

Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले दिनों आयकर विभाग द्वारा छापेमारी के मामले में जहां अब तक सबसे बड़ी छापेमारी में 150 करोड़ रूपए से ज्यादा की अघोषित संपत्ति मिली है वही इस मामले में केंद्र सरकार पर कार्रवाई को लेकर लगे आरोपों पर वित्त मंत्रालय ने सफाई दी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ब्यूरोक्रेट्स, हवाला कारोबारी और शराब कारोबारियों पर हुई छापेमारी में अब तक मिले दस्तावेज के आधार पर यह अघोषित संपत्ति मिली है। आगे की जांच में यह आंकड़ा बढ़ने का अनुमान बताया गया है।

बीते दिन की गई थी कार्रवाई

इस संबंध में विगत 28 फरवरी को आयकर विभाग, ईडी और अन्य एजेंसियों ने मिले इनपुट के आधार पर राजधानी ऱायपुर में एक साथ 25 निर्देशित ठिकानों पर छापेमारी की थी जिसमें इस कार्रवाई में पूर्व मुख्य सचिव व छत्तीसगढ़ के रेरा के चेयरमैन विवेक ढांड, प्रमुख सचिव अनिल टुटेजा, उनकी पत्‍‌नी मीनाक्षी टुटेजा, आबकारी विभाग के ओएसडी एपी त्रिपाठी, मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, उनके भाई अनवर ढेबर, कारोबारी गुरुचरण होरा, कमलेश जैन, सीए अजय सिंघवानी, संजय संचेती, आबकारी ठेकेदार संजय दीवान, शराब ठेके पर मैनपावर सप्लाई करने वाले सिद्धार्थ सिंघानिया और विकास अग्रवाल के ठिकानों पर की गई। जिसमें छापेमारी के दौरान शराब और माइनिंग कारोबारियों से बड़ी मात्रा में नगद राशि भी जब्त की गई है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीडीटी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में हर महीने में सरकारी कर्मचारियों को घूस दी जा रही है, जिसकी जानकारी अधिकारियों के घरों और कार्यालयों में तलाशी के दौरान पता चल रही है।

मुख्ममंत्री बघेल ने पत्र लिखकर साधा था निशाना

इस संबंध में पूर्व में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आयकर विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कार्रवाई को संवैधानिक रूप से गलत बताया। जानकारी के अनुसार पीएम मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री बघेल ने लिखा है कि हमारे पूर्वजों ने संविधान में संघीय ढांचे का प्रावधान सोच समझकर किया था, लेकिन कुछ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छत्तीसगढ़ में संघीय ढांचे के प्रावधानों को चोट पहुंचाने वाली कार्रवाई की गई है। अब इस मामले पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सफाई दी और कहा कि, शराब और खनन कारोबार से सरकारी अधिकारियों के पास हुई बेहिसाब कमाई और उन पैसों की उपलब्धता की जानकारी मिली थी, इसके अलावा नोटबंदी के दौरान भारी नकदी जमा होने की जानकारी मिली थी इस तरह के इनपुट मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है।

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